डिस्टेंस लर्निंग से पढ़ाई करने की सोच रहे हैं? यहां से जानें इसके नुकसान
आज के समय में लोगों के पास कम समय होता हैं और वे एक समय में कई काम करने की कोशिश करते हैं। इस कारण डिस्टेंस लर्निंग का काफी चलन है। डिस्टेंस लर्निंग के माध्यम से आप कहीं से भी अपने अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं। साथ ही आप नौकरी के साथ-साथ भी पढ़ाई कर सकते हैं। जहां एक तरफ इसके कई फायदे हैं, वहीं दूसरी तरह इसके कई नुकसान भी हैं। आइए जानें डिस्टेंस लर्निंग के नुकसान।
पढ़ाई पर दे पाते हैं कम ध्यान
डिस्टेंस लर्निंग में पढ़ाई से आपका ध्यान अधिक भटक सकता है। डिस्टेंस लर्निंग में आपके पास कोई शिक्षक और कोई क्लासमेट नहीं होता है, जो आपके बचे हुई असिसमेंट आदि के बारे मेंआपको ध्यान दिलाए। इस कारण आपका ध्यान पढ़ाई पर ज्यादा नहीं होता है। इसके साथ ही डिस्टेंस लर्निंग में आपको अपने अनुसार पढ़ाई करनी होती है और आप आसानी से अपनी पढ़ाई को टाल सकते हैं, जिस कारण भी आपका पढ़ाई से ध्यान भटकता है।
न दिखने वाले कई खर्चे होते हैं
डिस्टेंस लर्निंग में कोर्स की फीस कम होती है, लेकिन वहीं न दिखने वाले कई खर्चे होते हैं। डिस्टेंस लर्निंग के लिए आपको कंप्यूटर, इंटरनेट, किताबों और अच्छे स्टडी मैटेरियल आदि की जरुरत होती है। जिनके लिए फीस के अलावा कई रुपये खर्च होते हैं।
शिक्षकों और प्रोफेसरों के साथ नहीं होता कोई इंटरेक्शन
डिस्टेंस लर्निंग का सबसे बड़ा नुकसान शिक्षकों के साथ कोई बातचीत नहीं होना होता है। डिस्टेंस लर्निंग में आपको कॉलेज में जाकर कोई क्लास नहीं लेनी होती है और आपको कोई शिक्षक नहीं पढ़ातें हैं। आप घर पर रहकर ही इंटरनेट, यूट्यूब वीडियो आदि से पढ़ते हैं। कई छात्र ऐसे होते हैं, जिन्हें शिक्षकों से समझने पर अधिक और जल्दी समझ में आता है। बिना शिक्षकों के प्रश्नों को हल करने में आने वाली समस्याओं को सुलझाना कठिन होता है।
सब कोर्स नहीं होते हैं डिस्टेंस माध्यम में उपलब्ध
डिस्टेंस लर्निंग का एक ये भी बड़ा नुकसान है कि डिस्टेंस माध्यम में कई सारे कोर्स उपलब्ध नहीं होते हैं। प्रैक्टिकल आदि पर आधारित कई कोर्स डिस्टेंस से नहीं कराए जाते हैं। साथ ही कुछ कॉलेज और संस्थान ही डिस्टेंस से कोर्स ऑफर करती हैं।
नौकरी मिलने में होती है छोडी परेशानी
डिस्टेंस लर्निंग में कॉलेज प्लेसमेंट का मौका नहीं मिलता है, जिस कारण आपको पढ़ाई पूरी करने के बाद खुद से ही नौकरी तलाश करनी पड़ती है। वहीं कई कंपनियां डिस्टेंस लर्निंग की डिग्री को प्राथमिकता नहीं देती हैं। रेगुलर कोर्स करने से आपके अपने शिक्षकों और सीनियर्स से अच्छे संबंध बनते हैं, जिसके आपको नौकरी तलाशने में मदद मिलती है। डिस्टेंस लर्निंग में नौकरी के कम अवसर प्राप्त होते हैं और आपको नौकरी खाजने में थोड़ी परेशानी होती है।