इन लोगों ने ग्रेजुएशन भी पूरी नहीं की, लेकिन फिर भी हैं बड़ी कंपनियों के CEO
कहा जाता है कि एक अच्छा करियर बनाने के लिए कम से कम ग्रेजुएशन करना बहुत जरुरी है। लेकिन वहीं स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स और मार्क जुकरबर्ग जैसे लोग भी हैं, जिन्होंने बिना कॉलेज जाए ही अपना अलग मुकाम प्राप्त किया है। भारत में ऐसे कई सफल लोग हैं, जिन्होंने ग्रेजुएशन भी नहीं की है। आज के हमने अपने इस लेख में ऐसे ही पांच CEOs के बारे में बताया है। आइए जानें।
OYO के CEO ने भी पूरी नहीं की अपनी पढ़ाई
OYO Hotels & Homes के संस्थापक और CEO रितेश अग्रवाल देश के सबसे सफल उद्यमियों में से एक हैं। उन्होंने सिर्फ 17 साल की उम्र में ही अपना कॉलेज छोड़ दिया और अपने सपनों को पूरा करने की राह पर चल दिए। साल 2012 में रितेश ने गुरुग्राम में Oravel Stays Private Limited की स्थापना की थी। जिसके तहत OYO होटल्स एंड होम्स काम करती है। उन्होंने सिर्फ 18 वर्ष की आयु में ही इस कंपनी की स्थापना की थी।
Quick Heal Technologies के CEO भी हैं इस लिस्ट में शामिल
कैलाश काटकर प्रमुख वायरस सुरक्षा/कंप्यूटर सुरक्षा सॉल्यूशन देने वाली Quick Heal Technologies के संस्थापक और CEO हैं। कैलाश के पास कोई भी फॉर्मल डिग्री नहीं है। उन्होंने एक छोटी सी मरम्मत की दुकान पर नौकरी शुरू की थी। उसके बाद उन्होंने सन 1991 में एक कमरे में विद्युत (Electrical) उपकरण मरम्मत स्टेशन खोला और फिर सन 1993 में अपने भाई के साथ पुणे में Quick Heal Technologies की स्थापना की।
Inshorts के CEO ने भी नहीं की स्नातक
Inshorts के सह-संस्थापक और CEO अजहर इकबाल भी एक सफल उद्यमी हैं। इन्होंने भी स्नातक की डिग्री प्राप्त नहीं की है। अजहर IIT-दिल्ली से स्नातक कर रहे थे, लेकिन उन्होंने अंतिम वर्ष में ही अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी। जिसके बाद उन्होंने Inshorts की शुरुआत की, जो शॉर्ट फॉर्म न्यूज कंंटेंट लोगों तक पहुंचाती है। उन्होंने दो दोस्तों के साथ कंपनी की स्थापना की थी, जिन्होंने साल 2013 में IIT-दिल्ली में बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी।
AdPushup के CEO अंकित भी नहीं है ग्रेजुएट
अंकित ओबेरॉय AdPushup के CEO और सह-संस्थापक हैं। ये प्लेटफॉर्म ब्लॉगर्स को उनके एडवरटाइजमेंट रेवेन्यू में बढ़ावा देने में मदद करता है। अंकित ने भी अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं की थी। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के महाराजा अग्रसेन कॉलेज में पहले सेमेस्टर में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। वे मानते हैं कि आज के इंटरनेट युग में किसी को भी कुछ भी सीखने के लिए कॉलेज जानने की जरुरत नहीं है।
वरुण शूर ने भी बीच में छोड़ी पढ़ाई
Kayako की स्थापना करने वाले वरुण शूर ग्राहक सेवा/हेल्पडेस्क सॉफ्टवेयर कंपनी के CEO भी थे। साल 2001 में उन्होंने कॉलेज छोड़ने के बाद 17 साल की उम्र में कंपनी की स्थापना की। हालांकि 2018 में वे कंपनी से बाहर हो गए।