राजस्थान: अब अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों के छात्र भी पढेंगे NCERT की किताबें
राजस्थान के सरकारी स्कूल के छात्र भी अब NCERT की किताबें पढ़ पाएंगे। जी हां राजस्थान सरकार ने अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में NCERT की किताबें लागू करने का फैसला लिया है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने 11 सितंबर, 2019 को कहा कि पाठ्यक्रम समीक्षा समिति की सिफारिश करने पर यह फैसला किया गया है। राजस्थान सरकार का ये फैसला सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए उपयोगी साबित होगा।
इन क्लास में लाई जाएंगी NCERT की किताबें
अगले शैक्षणिक सत्र से 6वीं से लेकर 8वीं तक के छात्रों के लिए अंग्रेजी और हिंदी मीडियम की NCERT की किताबें लाई जाएंगी। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह का कहना है कि NCERT की एक नई किताब "हमरा राजस्थान" 6वीं से 8वीं तक तीन भागों में लाई जाएगी। इस किताब के जरिए राजस्थान की जियोग्राफी, हिस्ट्री और संस्कृति के बारे में छात्रों को बताया जाएगा। अंग्रेजी और हिंदी मीडियम की NCERT की किताबें 9वीं और 11वीं में भी लाई जाएंगी।
10वीं और 12वीं के छात्र इस सत्र से पढ़ेंगे NCERT की किताबें
शिक्षा मंत्री का कहना है कि अगले शैक्षणिक सत्र के लिए 10वीं और 12वीं में अभी मौजूदा पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाएगा। इन क्लास के लिए 2021-22 शैक्षणिक सत्र से NCERT की किताबें लाई जाएंगी। अभी छात्रों को वही किताबें पढ़नी होंगी।
पाठ्यक्रम में शामिल होंगी ये अन्य चार किताबें
इसके साथ ही 9वीं के लिए स्वतंत्रता आंदोलन में राजस्थान की भूमिका, 10वीं के लिए राजस्थान की हिस्ट्री और कल्चर, 11वीं के लिए स्वतंत्रता के बाद भारत-I और 12वीं के लिए स्वतंत्रता के बाद भारत-II किताब लाई जा रही हैं। शिक्षा मंत्री का कहना है कि NCERT की किताबें छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने में मदद करेंगी। पूर्व भाजपा सरकार ने RSS की विचार धारा से प्रभावित होकर पाठ्यक्रम को बदलने का प्रयास किया था।
बस्ते के वजन को कम करने के लिए लॉन्च किया ये प्रोजेक्ट
अभी हाल ही में राजस्थान सरकार ने बच्चों के स्कूल बस्ते के वजन को कम करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट भी लॉन्च किया है। राजस्थान के सभी 33 जिलों के एक-एक स्कूल का इसके लिए चयन किया गया है। ये प्रोजेक्ट क्लास 1 से 8वीं तक छात्रों के बस्ते के वजन को करने के लॉन्च किया गया है। इसके लिए एक खास पाठ्यक्रम भी बनाया गया है। जिसमें कम किताबें स्कूल में ले जाने की जरुरत होगी।