दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षक प्रशिक्षण परियोजना में 42 लाख शिक्षकों को किया जाएगा प्रशिक्षित
17 अगस्त, 2019 को एक अधिकारी ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षकों को प्रशिक्षित (ट्रेंड) करने के लिए 22 अगस्त, 2019 को दुनिया की सबसे बड़ी परियोजना शुरू करने जा रहा है। HT के अनुसार MHRD स्कूल शिक्षा विभाग और साक्षरता की सचिव रीना रे ने कहा कि 22 अगस्त, 2019 को शिक्षक प्रशिक्षण के लिए दुनिया की सबसे बड़ी परियोजना "नेशनल इनिशिएटिव ऑन स्कूल टीचर्स हेड होलिस्टिक एडवांसमेंट (NISHTHA)" की शुरुआत होगी। आइए जानें पूरी खबर।
42 लाख शिक्षकों को किया जाएगा प्रशिक्षित
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिक्षक प्रशिक्षण के लिए दुनिया की इस सबसे बड़ी परियोजना के तहत लगभग 42 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। एक कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि भारत पारंपरिक रूप से शिक्षा में नेतृत्व और शिक्षक तैयारी के लिए जाना जाता है। हजारों वर्षों से भारतीय शिक्षकों को विस्वा गुरु माना जाता था।
मदरसा शिक्षकों को इन विषयोंं में किया जाएगा प्रशिक्षित
इसके साथ ही बता दें कि ANI के अनुसार हाल ही में सरकार ने मेन स्ट्रीम शिक्षा के लिए अंग्रेजी, गणित और कंप्यूटर जैसे विषयों में देश भर के मदरसा शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक कार्यक्रम की घोषणा की थी।
ऑनलाइन माध्यम से करें अपने रिपोर्ट कार्ड की जांच
रीना ने कहा कि देश भर में लगभग 19,000 शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थानों की मैपिंग की गई और गूगल अर्थ (Google Earth) पर डाल दिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यूजर्स देश भर के इन संस्थानों की स्थिति देखने के साथ-साथ ऑनलाइन माध्यम से अपने रिपोर्ट कार्ड की जांच भी कर सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं। इस अवसर पर नीती आयोग के विशेष सचिव यदुवेंद्र माथुर भी उपस्थित थे।
स्किल को अच्छा करना है महत्तवपूर्ण
इसके साथ ही रीना ने कहा कि शिक्षक के स्किल्स को अच्छा करना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उन्हें अच्छी तरीके से प्रशिक्षित किया जाए। ऐसा करना केवल शिक्षक शिक्षा संस्थानों के सहयोग से संभव है।
45% शिक्षकों की है कमी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2018 तक देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 35,034 रेगुलर शिक्षक पाए गए थे। जबकि स्वीकृत 64,096 शिक्षकों की थी। आंकडों को देखा जाए, तो अभी 45% शिक्षकों की कमी है। भारत में शिक्षक कार्यबल पर विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 1 लाख 30 हज़ार एकल शिक्षक स्कूल (स्कूल में एक शिक्षक) हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता बड़े स्तर पर प्रभावित होती है।