National Science Day 2020: अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ रही हैं ISRO की ये वैज्ञानिक महिलाएं
क्या है खबर?
पूरे देश में 28 फरवरी को विज्ञान दिवस के रुप में मनाया जा रहा है। 1928 में आज ही के दिन महान भारतीय भौतिक विज्ञानी सर सीवी रमन ने 'रमन प्रभाव' की खोज की थी। इसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आज विज्ञान दिवस के मौके पर हम आपको भारतीय अतंरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की उन महिला वैज्ञानिकों के बारे में बता रहे हैं, जो अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ रही हैं।
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महिला वैज्ञानिकों के हाथ में थी चंद्रयान-2 मिशन की डोर
चंद्रयान-2 प्रोजेक्ट के बारे में तो सब जानते होंगे। क्या आप ये जानते हैं कि चंद्रयान-2 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर एक महिला वैज्ञानिक थीं।
जी हां, प्रोजेक्ट डायरेक्टर मुथैया वनिता चंद्रयान-2 मिशन को लीड कर रही थी। वह किसी इंटर-प्लेनेट्री मिशन को लीड करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक हैं।
इसके साथ ही वनिता की टीम में रितु कारीधाल दूसरी महिला वैज्ञानिक थी। रितु चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर थी। वे पिछले 22 सालों से ISRO में काम कर रही हैं।
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ये महिला वैज्ञानिक हैं ISRO की सबसे वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक
वीआर ललिताम्बिका भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के साथ काम करने वाले सबसे वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक हैं। ललिताम्बिका एडवांस टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता रखती हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने देश के रॉकेट कार्यक्रम के निर्माण में भी एक अहम भूमिका निभाई है।
वहीं टीके अनुराधा भी पिछले 35 वर्षों से ISRO के साथ काम कर रही हैं। अनुराधा यहां सैटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनने वाली पहली महिला हैं।
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मिशन मंगल का हिस्सा रही हैं ये महिलाएं
अप्लायड फिजिक्स से MTech करने वाली मौमिता दत्ता का नाम भी देश की प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों में आता है।
मौमिता चंद्रयान-1 और मंगलयान प्रोजेक्ट का हिस्सा भी रह चुकी हैं। मंगलयान में उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम किया था।
वहीं मीनल संपत ने मंगलयान के पेलोड्स के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
टेलीमेडिसिन प्रोग्राम में उनके योगदान के लिए ISRO ने उन्हें यंग साइंटिस्ट मेरिट अवार्ड से भी सम्मानित किया था।
जानकारी
नंदिनी हरिनाथ भी हैं प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों में से एक
ISRO के रॉकेट वैज्ञानिकों में नंदिनी हरिनाथ का नाम भी शामिल है। नंदिनी मंगलयान मिशन में मिशन डिजाइन डिप्टी ऑपरेशन्स डायरेक्टर थीं। उनका कहना है कि स्टार ट्रैक सीरीज देखकर उन्हें साइंस पढ़ने में रुचि आई थी।