जानें दुनिया के पांच सबसे कम उम्र के इंजीनियरों के बारे में
भारत में इंजीनियरिंग युवाओं के बीच सबसे पसंदीदा प्रोफेशनल कोर्स है। कई लोग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर का विकल्प चुनते हैं, क्योंकि ये नौकरी के विभिन्न अवसरों प्रदान करता है। छात्र 12वीं के बाद इंजीनियरिंग के लिए जाते हैं। कुछ असाधारण लोग हैं, जो काफी कम उम्र में ही इंजीनियर बन गए हैं। हमने अपने आज के इस लेख में दुनिया के सबसे कम उम्र के इंजीनियरों के बारे में बताया है। आइए जानें।
तनिष्क अब्राहम 15 साल की उम्र में बनें इंजीनियर
भारतीय-अमेरिकी तनिष्क अब्राहम दुनिया के सबसे कम उम्र के इंजीनियरिंग स्नातकों में से एक हैं। साल 2018 में जब वह सिर्फ 15 वर्ष के थे तब उन्होंने बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी। 2003 में जन्मे तनिष्क ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि हासिल की थी। तनिष्क वर्तमान में अपने लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में PHD (डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) कर रहे हैं।
15 साल की उम्र में निर्भय ने एक साल में की चार साल की B.Tech
गुजरात के निर्भय ठक्कर भी इंजीनियरिंग में स्नातक करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्तियों में से एक हैं। 2002 में जन्में निर्भय ने अपनी बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (B.Tech) इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 2017 में पूरी की और 2018 में डिग्री प्राप्त की। उन्होंने गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से कोर्स किया Le। विशेष रूप से उन्होंने 2016 में कैम्ब्रिज बोर्ड से 12वीं पास करने के बाद केवल एक वर्ष में चार वर्षीय इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम पूरा किया।
संहिता काशीभट्ट बनी सबसे कम उम्र की महिला इंजीनियर
2018 में तेलंगाना की संहिता काशीभट्ट इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की महिला बनीं। वह केवल 16 वर्ष की थीं, जब उन्होंने हैदराबाद के चैतन्य भारती इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (CBIT) से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में B.Tech पूरा किया था। इस साल 17 वर्षीय संहिता 95.95% के साथ अत्यधिक प्रतिस्पर्धी कॉमन एडमिशन टेस्ट को पास करने वाली सबसे युवा उम्मीदवारों में से एक बनीं और बाद में IIM कलकत्ता में प्रवेश लिया।
17 साल की उम्र में तिरुनेलवेली के एस चंद्रशेखर ने IIT मद्रास से किया M.Tech
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली के एस चंद्रशेखर 2008 में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech) बने करने वाले भारत के सबसे युवा व्यक्ति बने। 17 साल की उम्र में उन्होंने प्रतिष्ठित IIT मद्रास से कंप्यूटर साइंस में M.Tech पूरा किया। यहां तक कि उन्हें संस्थान द्वारा कंप्यूटर साइंस में स्वर्ण पदक भी प्रदान किया गया। 99.32 प्रतिशत के साथ ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) पास करने से पहले 1990 में जन्में एस चंद्रशेखर ने बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (BCA) किया।
साद नासिर ने स्थापित की अपनी कंपनी
बेंगलुरु के साद नासिर एक अन्य युवा इंजीनियर हैं, जिन्होंने 14 साल की उम्र में 2017 में बेंगलुरु में स्थित Ati Motors नामक एक स्वायत्त वाहन स्टार्ट-अप की स्थापना की थी। साद ने चौथी क्साल के बाद औपचारिक स्कूली शिक्षा छोड़ दी थी। उन्होंने खुद से ही पढ़ाई की और घर में पढ़ाई की। वह 10 साल की उम्र से कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्रिप्टोग्राफी और वैमानिकी इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न विषयों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम कर रहे हैं।