सीट आवंटन के बाद प्रवेश कैंसिल करने पर मेडिकल छात्रों को देनी होगी तीन गुना राशि
क्या है खबर?
अगर आप भी मेडिकल के क्षेत्र में एक अच्छा करियर बनाने की सोच रहे हैं, तो आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ डेंटल कॉलेजों में MBBS व BDS की सीटाें के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है।
कई बार ऐसा होता है कि छात्र प्रवेश लेने के बाद अपना एडमिशन कैंसिल कर देते हैं, हालांकि इस बार छात्रों को अपने प्रवेश के बाद सीट छोड़ना काफी भारी पड़ सकता है।
आर्थिक दंड राशि
देने होंगे 30 लाख रुपये
जी हां आपको बता दें कि राज्य सरकार ने सीट आवंटन के बाद छात्र द्वारा सीट छोड़ने पर (सीट लिविंग बॉन्ड) आर्थिक दंड को तीन गुना कर दिया है।
बॉन्ड के तहत अब अगर छात्र सीट छोड़ते हैं, तो छात्रों को 30 लाख रुपये देने होंगे। बता दें कि यह राशि पिछले वर्ष 10 लाख रुपये थी। इसके अनुसार अब राशि को तीन गुना कर दिया गया है।
सीट छोड़ने पर इतने रुपये देेना छात्रों के लिए काफी मुश्किल होगा।
मूल दस्तावेज़
राशि जमा किए बिना नहीं मिलेंगे मूल दस्तावेज़
जब तक छात्र राशि जमा नहीं करेंगे, उन्हें उनके मूल दस्तावेज नहीं लौटाए जाएंगे।
इसकी पुष्टि MGM मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. राहुल रोकड़े ने की है।
आर्थिक दंड राशि को बढ़ाने के अलावा चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस साल से फीस में भी इजाफा कर दिया है।
अब MBBS के लिए छात्रों को हर साल 1.14 लाख रुपये फीस देनी होगी। पिछले साल छात्रों को 68 हजार रुपए फीस देनी होती थी।
साल 2017
पहले देना होते था इतने रुपये
चिकित्सा शिक्षा विभाग छात्रों से सीट आवंटन के समय बंधपत्र भी भरवाता है।
पहले सीट लिविंग बॉन्ड पांच लाख रुपये था। फिर साल 2017 में ये पांच लाख रुपये से बढ़ाकर दस लाख रुपए हो गया और अब इसे 10 लाख रुपये से बढ़ाकर सीधा 30 लाख रुपये कर दिया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक राज्य कोटा के छात्रों और ऑल इंडिया छात्रों के अलग-अलग मेरिट लिस्ट तैयार होती है।