जानें इन पांच चार्टर्ड अकाउंटेंट के संघर्ष की कहानी, मिलेगी प्रेरणा
क्या है खबर?
चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) सबसे अधिक मांग वाले और कठिन प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में से एक है।
CA करना आसान नहीं है, क्योंकि कई साल इसे पास करने की तैयारी में लगे रहते हैं। हालांकि कुछ उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने CA को पास करने के लिए सभी बाधाओं को हराया है।
उनकी कहानियां यह साबित करती हैं कि कई असफलताओं, कठिनाइयों और अन्य चुनौतियों के बावजूद सफलता हासिल करना संभव है।
यहां ऐसे पांच CA के बारे में बताया गया है।
#1
कैलाश नारायण पुरोहित ने 32 बार असफल होने पर पास की परीक्षा
CA एक कठिन कोर्स है, इसलिए इच्छुक लोग CA के प्रति अपनी रुचि खो सकते हैं या कोर्स को छोड़ने के साथ-साथ कुछ विफलताओं के बाद अपने सपने को भी छोड़ सकते हैं।
लेकिन जोधपुर के कैलाश नारायण पुरोहित ने 20 वर्षों में 32 बार असफल होने के बाद CA परीक्षा को पास किया है।
बार-बार असफल होने के बावजूद उन्होंने महसूस किया कि सफलता के लिए दृढ़ता महत्वपूर्ण है और नवंबर 2010 में CA फाइनल परीक्षा को पास किया।
#2
सुमित डावर हुए आठ बार असफल
सुमित डावर का चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सफर वाकई प्रेरणादायक है।
पहले प्रयास में प्रवेश स्तर की CPT और दूसरे स्तर की IPCC परीक्षाओं को पास करने वाले डावर ने CA फाइनल परीक्षा को पास करने के लिए आठ प्रयास किए।
हालांकि वह आठ बार असफल रहे। लेकिन उन्होंने अपना सपना नहीं छोड़ा और अपने सपने की प्राप्त करने की होड़ में लगे रहे।
इसके बाद उन्होंने 2014 में सफलता हासिल करने तक कड़ी मेहनत की।
#2
परीक्षा पास करने से पहले सुमित डावर 8 बार फेल हुए
सुमित डावर का चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का सफर वाकई प्रेरणादायक है।
पहले प्रयास में प्रवेश स्तर की CPT और दूसरे स्तर की IPCC परीक्षाओं को पास करने वाले डावर ने CA फाइनल परीक्षा को पास करने के लिए आठ प्रयास किए।
हालांकि वह आठ बार असफल रहे। लेकिन उन्होंने अपना सपना नहीं छोड़ा और अपने सपने की प्राप्त करने की होड़ में लगे रहे।
इसके बाद उन्होंने 2014 में सफलता हासिल करने तक कड़ी मेहनत की।
#3
सुजय केएन की कहानी भी है प्रेरणा दायक
CA सुजय केएन की कहानी एक और प्रेरणादायक कहानी है, जो साबित करती है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ कुछ भी असंभव नहीं है।
वह CA फाइनल को दो बार पास करने में विफल रहे। दो असफल प्रयासों के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और इसके बजाय अपने दोषों और प्रदर्शन पर काम किया।
अपने अगले प्रयास नवंबर, 2010 में उन्होंने न केवल परीक्षा पास की बल्कि AIR-1 प्राप्त करते हुए CA फाइनल में टॉप किया।
#4
अपार धैर्य और दृढ़ता के साथ राजशेखर पहले नेत्रहीन CA बने
2013 में आंध्र प्रदेश के गुंटूर के जे राजशेखर रेड्डी देश के पहले नेत्रहीन चार्टर्ड एकाउंटेंट बन गए।
उन्होंने 11 साल की उम्र में ब्रेन ट्यूमर की वजह से ऑप्टिक नर्व डैमेज के कारण अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। हालांकि वे CA बनने के इच्छुक थे, लेकिन दृष्टि दोष के कारण तैयारी करना बहुत मुश्किल था।
हालांकि उनके शिक्षकों ने ऑडियो प्रारूप में किताबें रिकॉर्ड करके CA की तैयारी करने में मदद की।
#5
चिराग चौहान की कहानी से मिलेगी प्रेरणा
चिराग चौहान 2006 के मुंबई सीरियल ट्रेन बम विस्फोटों में जीवित बचे लोगों में से एक है।
वह उस समय CA की तैयारी कर रहे थे और उनकी रीढ़ की हड्डी क्षतिग्रस्त हो गई। जिस कारण वे व्हीलचेयर तक सीमित हो गए थे।
जब वह मुश्किल से 18 साल के थे, तब उन्होंने अपने पिता को भी खो दिया था।
शारीरिक चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद उन्होंने अपनी CA की पढ़ाई जारी रखी और 2008 में परीक्षा पास की