12वीं के बाद कार्डियोलॉजिस्ट कैसे बनें, जानिए पूरी प्रक्रिया
क्या है खबर?
वर्तमान समय में लोगों की जीवनशैली में बदलाव आने के कारण हृदय संबंधी रोग बढ़ गए हैं।
इन रोगों का इलाज कराने के लिए लोग हृदय रोग विशेषज्ञ यानि कार्डियोलॉजिस्ट के पास जाते हैं।
मौजूदा समय में कार्डियोलॉजिस्ट की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है।
ऐसे में 12वीं के बाद करियर विकल्प के रूप में अधिकांश छात्र इस क्षेत्र को चुन रहे हैं।
आइए जानते हैं 12वीं के बाद कार्डियोलॉजिस्ट कैसे बन सकते हैं।
कार्डियोलॉजिस्ट
कार्डियोलॉजिस्ट क्या करते हैं?
कार्डियोलॉजिस्ट मुख्य तौर पर संवहनी रोग, जन्मजात हृदय दोष, कोरोनरी धमनी रोग, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर जैसे बीमारियों का इलाज करते हैं।
वर्तमान समय में दिल की धड़कन बढ़ना, अत्याधिक थकान, कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि, उच्च रक्तचाप जैसे समस्याओं में इजाफा हुआ है।
कार्डियोलॉजिस्ट इन सभी बीमारियों का इलाज दवाई और सर्जरी के माध्यम से करते हैं।
कार्डियोलॉजी मेडिकल शिक्षा की जटिल शाखा है, कार्डियोलॉजिस्ट बनने में 10 से 13 साल का समय लग सकता है।
कोर्स
कार्डियोलॉजिस्ट कैसे बनते हैं?
कार्डियोलॉजिस्ट बनने के लिए जीव विज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान विषय से 12वीं पास करना अनिवार्य है।
इसके बाद बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) की डिग्री हासिल करनी होगी।
ये लगभग साढ़े 5 साल का कोर्स होता है, इसे पूरा करने के बाद आप डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (MD) पाठ्यक्रम कर सकते हैं।
ये स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम 3 साल तक चलता है। इसके बाद आप अस्पतालों में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में अभ्यास करने के लिए योग्य हो जाते हैं।
कोर्स
कौनसे कोर्स कर सकते हैं?
कार्डियोलॉजिस्ट बनने के लिए आपको कुछ पाठ्यक्रमों में विशेषज्ञता हासिल करनी होगी।
उम्मीदवार कार्डियोवास्कुलर हेल्थ एंड डिसीज में मास्टर ऑफ रिसर्च (MRes), कार्डियोवास्कुलर साइंस में मास्टर ऑफ साइंस (MSc), कार्डियोलॉजी में MSc, कार्डियोवास्कुलर एंड रीनल साइंस में MD जैसे स्नातकोत्तर कोर्स कर सकते हैं।
इसके अलावा कार्डियोलॉजी, क्लिनिकल कार्डियोलॉजी में PG डिप्लोमा का विकल्प भी उपलब्ध है।
कई उम्मीदवार कार्डियोलॉजिकल नर्सिंग में MSc, कार्डियो थोरेसिक सर्जरी में DNB कोर्स भी करते हैं।
संस्थान
किस संस्थान से करें पढ़ाई?
कार्डियोलॉजिस्ट बनने के लिए कई भारतीय विश्वविद्यालय से कार्डियोलॉजी पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर सकते हैं।
इनमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS दिल्ली), महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज और अनुसंधान संस्थान पुडुचेरी, दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पंजाब, जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर, अन्नामलाई विश्वविद्यालय तमिलनाडु का नाम शीर्ष पर है।
इसके अलावा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंड़ीगढ़ और इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज वाराणसी भी अच्छे शिक्षा संस्थान हैं।
वेतन
कितना मिलेगा वेतन?
कार्डियोलॉजी का कोर्स करने के बाद आप कार्डियोलॉजी टेक्नोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजी सर्जन, ईसीजी टेक्नोलॉजिस्ट, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी टेक्नीशियन के रूप में काम कर सकते हैं।
एक कार्डियोलॉजिस्ट को शुरुआती तौर पर 40,000 से 60,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिल सकता है।
अनुभव बढ़ने के बाद वेतन लाखों रुपये हो जाता है। आप सरकारी या निजी अस्पताल में नौकरी कर सकते हैं।
अगर आप चाहे तो खुद का क्लीनिक भी खोल सकते हैं, इससे अच्छी कमाई होगी।