CBSE: 10वीं और 12वीं में स्कूल बदलने वालों के लिए जारी हुआ दिशा निर्देशों का सर्कुलर
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 की शुरुआत में 10वीं और 12वीं में स्कूल बदलने के लिए दिशा निर्देशों के लिए विवरण देते हुए एक सर्कुलर जारी कर दिया है। बोर्ड ने एक सामान्य नियम के रूप में छात्रों को बदलाव के लिए सलाह दी है। बोर्ड ने बेहतर शिक्षा जैसे कारणों के लिए स्कूल बदलने के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं। आइए जानें CBSE बोर्ड ने क्या दिशा निर्देश जारी किए हैं।
बोर्ड ने कहा 9वीं और 11 वीं में बदलें स्कूल
बोर्ड ने बताता है कि कई छात्र विभिन्न कारण बताते हुए अपना स्कूल बदलते हैं। जबकि बोर्ड परिवार का कहीं और शिफ्ट होना और दूरी के कारण को देखते हुए स्कूल बदलने की मंजूरी को स्वीकार करता है। बोर्ड सभी छात्रों को सलाह देता है कि यदि वे स्कूल बदलने की इतनी इच्छा रखते हैं, तो उन्हें अपने स्कूलों को 10वीं और 12वीं की बजाय 9वीं और 11वीं में बदलना चाहिए।
सर्कुलर में जारी की दस्तावेजों की सूची
इस सलाह के पीछे का मूल कारण यह है कि बोर्ड 9वीं और 11वीं से बोर्ड परीक्षाओं के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करता है। 10वीं और 12 में स्कूल बदलने से पेपर का काम बढ़ जाता है और साथ ही इसके कारण गलती की संभावना भी बढ़ जाती है। 05 अप्रैल, 2019 को जारी सर्कुलर में बोर्ड ने दस्तावेजों की सूची दी है। माता-पिता और स्कूलों को 10वीं और 12वीं में प्रवेश के लिए इन दस्तावेजों को प्रदान करना होगा।
देने होंगे ये दस्तावेज़
स्कूल बदलने के लिए आपको माता-पिता के स्थानांतरण के आदेशों की कॉपी, नया पता प्रमाण आदि की आवश्यकता होती है। बेहतर शिक्षा' के लिए स्कूल बदलने वाले छात्रों के न केवल माता-पिता को आवश्यक दस्तावेजों देने होंगे। माता-पिता के साथ-साथ स्कूलों को भी पिछले 5 वर्षों के CBSE बोर्ड के रिजल्ट देने की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही स्कूलों को भी योग्यता और शिक्षण अनुभव प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।