
वित्तीय समस्या से जूझ रहे निजी स्कूल, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर की फंड की मांग
क्या है खबर?
लॉकडाउन के कारण काफी लंबे समय से स्कूल बंद चल रहे हैं और अब उन्हें वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
निजी स्कूलों के एक अखिल भारतीय संगठन ने बीते रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने स्कूलों के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसों की मांग की है।
इसके साथ ही संस्थानों ने पत्र में पांच महीने के अन्य खर्चों के लिए फंड देने का अनुरोध भी किया है।
पत्र
कई कर्मचारी हैं भुखमरी की कगार पर
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार निजी स्कूलों और बाल कल्याण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद श्यामल अहमद ने पत्र में कहा है कि कड़ी मेहनत, ऑनलाइन शिक्षण और स्टडी मैटेरियल तैयार करने के बावजूद शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी भुखमरी की कगार पर हैं।
पत्र में कहा गया है कि वे इस गंभीर मामले में विचार करने और निजी स्कूलों को फंड देने के लिए अनुरोध कर रहे हैं ताकि कर्मचारियों वेतन देने में सक्षम हों।
बयान
सरकार छात्रों की संख्या के आधार पर दे सकती है फंड- अहमद
अहमद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संघ के सदस्य स्कूलों के अधिकारियों और शिक्षकों द्वारा प्रधान मंत्री को इसी तरह के पत्र भेजे जा रहे हैं और PMO को 20 लाख पत्र प्राप्त होने की संभावना है।
मानदंडों पर बात करते हुए अहमद ने कहा कि सरकार अपने स्कूलों में एक बच्चे पर जितना खर्चा करती है, उसी अनुसार निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या के आधार पर मार्च से जुलाई तक के लिए फंड दे सकती है।
डाटा
UDISE पर भेजा जा चुका है डाटा
अहमद ने पत्र में यह भी कहा कि अलग-अलग स्कूलों का डाटा यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (UDISE) पर भेज दिया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2012-13 में UDISE की शुरुआत की थी, जिसमें स्कूल नियमित रूप से छात्रों और कर्मचारियों की संख्या की जानकारी अपडेट करते हैं।
अहमद ने कहा कि लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई स्थिति को देखते हुए स्कूल अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं।
अन्य खर्च
वेतन के अलावा स्कूलों के होते हैं अन्य कई खर्च
उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वे उनकी मदद चाहते हैं और विश्वास करते हैं कि उन्हें निराश नहीं किया जाएगा। संघर्ष कर रहे निजी स्कूलों के खातों में कृपया धनराशि स्थानांतरित करें।
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि कर्मचारियों को वेतन देने के अलावा, स्कूल के अन्य खर्चों में किराया, विभिन्न बैंक ऋणों की किस्त, रखरखाव, बिजली और पानी के बिल आदि शामिल हैं।