राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में लागू होगा 5वां विकल्प, वस्तुनिष्ठ प्रश्नपत्रों में दिए जाएंगे 5 विकल्प
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने अब भर्ती परीक्षाओं में 5वें विकल्प का नियम लागू कर दिया है। इस संबंध में अधिसूचना आज (19 दिसंबर) जारी की गई है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से इसे देख सकते हैं। ये भर्ती नियम RSMSSB की आगामी 7 भर्ती परीक्षाओं में लागू होगा। इसके मुताबिक, अब वस्तुनिष्ठ प्रश्नपत्रों और OMR शीट में प्रत्येक सवाल के लिए 4 की जगह 5 विकल्प दिए जाएंगे।
क्या है 5वें विकल्प का नियम?
इस नए नियम के मुताबिक अब प्रत्येक प्रश्न में A, B, C, D, E के रूप में 5 विकल्प दिए जाएंगे। उम्मीदवारों को इन 5 विकल्पों में से किसी एक विकल्प को चुनकर OMR शीट में गोले भरने होंगे। अगर उम्मीदवार किसी प्रश्न का उत्तर नहीं देना चाहता तो उसे 5वें विकल्प यानि E का चुनाव करना होगा। अगर उम्मीदवार किसी विकल्प का चुनाव नहीं करता है तो प्रति प्रश्न 1/3 अंक काटे जाएंगे।
इस स्थिति में अयोग्य होंगे उम्मीदवार
RSMSSB के मुताबिक, अगर कोई उम्मीदवार 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों में किसी भी विकल्प का चयन नहीं करता है तो उसे परीक्षा के लिए अयोग्य ठहरा दिया जाएगा। प्रश्नपत्र हल करने के बाद अभ्यर्थियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि उसने प्रत्येक प्रश्न के लिए किसी 1 विकल्प का गोला भरा है। इसके लिए उम्मीदवारों को 10 मिनट का अतिरिक्त समय भी दिया जाएगा। उम्मीदवार यहां क्लिक कर अधिसूचना देख सकते हैं।
इन बड़ी भर्ती परीक्षाओं में लागू होगा नियम
RSMSSB द्वारा जारी नियम भविष्य में होने वाली सभी भर्ती परीक्षाओं पर लागू होगा। इसमें 5,934 पदों के लिए होने वाली पशु परिचर सीधी भर्ती परीक्षा और 5,388 पदों पर होने वाली कनिष्ठ लेखाकार एवं तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती परीक्षा शामिल हैं। इसके अलावा सूचना सहायक सीधी भर्ती (2,730 पद), संविदा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती (2,058 पद), संविदा नर्स भर्ती (1,588), संगणक सीधी भर्ती (583), कृषि पर्यवेक्षक भर्ती (430) में भी नया नियम लागू होगा।
RPSC भी लागू कर चुका है ये नियम
इससे पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) भी भर्ती परीक्षाओं में 5वें विकल्प का नियम लागू कर चुका है। इस नियम का मुख्य उद्देश्य वस्तुनिष्ठ परीक्षाओं में किसी प्रश्न का उत्तर न देने के संबंध में अभ्यर्थियों से पुष्टि करवाना है। पहले छात्र उत्तर की जानकारी न होने पर गोले खाली छोड़ देते थे, इससे OMR शीट से छेड़छाड़ का खतरा होता है, लेकिन अब नए बदलाव से छोड़े गए सवालों के जबाव भरने की आशंका खत्म हो गई है।