रिटायरमेंट फंड के लिए PPF या NPS, क्या है बेहतर?
बुजुर्गों के लिए नियमित आय का जरिया उनकी पेंशन ही होती है। यह पेंशन बुढ़ापे में आर्थिक सहारा बन कर काम करती है। ऐसे में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) दोनों ही सरकारी पेंशन स्कीम है। इन दोनों स्कीम में निवेश और फायदे से लेकर टैक्स छूट जैसी खासियत हैं। ऐसे में हम आपको दोनों स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बाद आप खुद तुलना कर सके कि कौन सी बेहतर स्कीम है।
इन स्कीम में कौन कर सकता है निवेश?
PPF में हर कोई निवेश कर सकता है, बर्शते वह भारत देश का निवासी होना चाहिए। इसके अलावा निवेश के लिए उम्र का कोई भी प्रावधान नहीं है, बच्चा भी अभिभावक की मदद से कर सकता है। NPS में देश के निवासी के साथ NRI भी निवेश कर सकते हैं, जिनकी उम्र कम से कम 18 साल और ज्यादा से ज्यादा से 60 साल होनी चाहिए। सरकारी कर्मचारियों के लिए इसमें निवेश करना जरूरी है।
दोनों स्कीम में किसका अच्छा रिटर्न?
PPF में आपको फिक्स्ड रेट पर ब्याज दिया जाता है, जिसकी दर सरकार हर तीन महीने में तय करती है। अभी मौजूदा समय की बात करें तो 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। NPS में आपको फिक्स्ट रिटर्न नहीं मिलता है, क्योंकि इसका रिटर्न पूरी तरह से मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। निवेश के लिए इसमें कई विकल्प होते हैं, जो मार्केट लिंक्ड इंस्वेस्टमेंट में शामिल हैं।
पैसों का निवेश और टैक्स छूट
PPF अकाउंट में न्यूनतम 500 रुपये का निवेश किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा साल में 1.5 लाख रुपये हैं। इसमें मिलने वाला रिटर्न पूर तरह से टैक्स फ्री होता है। NPS अकाउंट में बेसिक सैलरी के साथ महंगाई भत्ते का 10 फीसदी है, जिसमें सशस्त्र बलों को छोड़ राज्य और केंद्र के कर्मचारी शामिल हैं। अगर आप 1.5 लाख रुपये टैक्स छूट लिमिट को पूरा कर चुके हैं तो सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये का लाभ मिलता है।
क्या है निवेश की मैच्योरिटी?
PPF अकाउंट में 15 साल का टेन्योर मिलता है, अगर इसके बाद ग्राहक इस अवधि को बढ़ाना चाहते हैं तो वह अप्लाई कर सकते हैं। ग्राहक अपना खाता पांच साल के लिए बढ़ा सकते है। NPS अकाउंट में 60 साल की उम्र तक निवेश बनाए रखना पड़ता है, अगर आप चाहे तो इसे 70 साल की उम्र तक जारी रख सकते हैं।
NPS और PPF में क्या बेहतर?
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना जा रहे हैं तो NPS बेहतर विकल्प है, क्योंकि यह शेयर मार्केट पर निर्भर करती है। वहीं शॉर्ट टर्म के लिए PPF बेहतर विकल्प है, यहां पर फिक्सड रिटर्न मिलता है।