ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को 1 लाख करोड़ रुपये का GST नोटिस, लगा टैक्स चोरी का आरोप
क्या है खबर?
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को अब तक टैक्स चोरी के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, एक GST अधिकारी ने कहा कि 1 अक्टूबर के बाद से भारत में विदेशी गेमिंग कंपनियों के रजिस्ट्रेशन का अभी तक कोई डाटा नहीं है।
सरकार ने GST कानून में संशोधन किया है, जिससे 1 अक्टूबर से विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को भारत में रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
गेमिंग
इन कंपनियों को भेजा गया नोटिस
GST परिषद ने अगस्त में स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लगाए गए दांव की पूरी कीमत पर 28 प्रतिशत GST लगाया जाएगा।
ड्रीम 11 जैसे कई ऑनलाइन गेमिंग और डेल्टा कॉर्प जैसे कैसीनों ऑपरेटर को टैक्स के कथित कम भुगतान के लिए पिछले महीने कारण बताओ नोटिस मिला है।
डेल्टा कॉर्प को पिछले हफ्ते 6,384 करोड़ के कम टैक्स भुगतान के लिए GST नोटिस मिला। कंपनी से लगभग 23,000 करोड़ रुपये टैक्स की मांग की गई है।
गेम्सक्राफ्ट
ड्रीम 11 को भेजा गया था सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर नोटिस
गेम्सक्राफ्ट को पिछले वर्ष सितंबर में 21,000 करोड़ रुपये की GST चोरी के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते महीने ड्रीम 11 को 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का GST नोटिस भेजा गया था। माना गया कि यह देश में दिया गया सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर नोटिस है।
सितंबर में इन कंपनियों को पूर्व-कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। यह नोटिस विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस से पहले जारी किया जाता है।
बिल
गेमिंग इंडस्ट्री ने सरकार के फैसले पर जाहिर की थी नाखुशी
लोकसभा में संसद के मानसून सत्र के दौरान GST और इंटीग्रेटेड GST या IGST संशोधन बिल पास हुआ था।
इसके जरिए ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग पर 28 प्रतिशत GST लगाने का फैसला लिया गया।
28 प्रतिशत GST पर गेमिंग इंडस्ट्री ने नाखुशी जाहिर करते हुए इसे गेमिंग इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचाने वाला फैसला बताया था।
फैसले पर इंडस्ट्री के लोगों और बाजार के जानकारों ने नौकरियों में छंटनी और गेमिंग स्टार्टअप्स के बंद होने की आशंका जताई थी।
दुष्प्रभाव
28 प्रतिशत GST के सामने आए थे ये परिणाम
सरकार द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत GST लगाए जाने के बाद मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) जैसी कंपनियों ने भारी टैक्स का हवाला देते हुए 300 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।
क्विजी जैसे छोटे गेमिंग स्टार्टअप ने शटडाउन की घोषणा कर दी थी।
गेमिंग कंपनियों में निवेश करने वाली वेंचर कैपिटल फर्मों ने नई GST दर के बाद इस क्षेत्र में निवेश की अपनी योजनाओं को बदल दिया।