
GST दरों में बड़े बदलाव से बीमा क्षेत्र पर क्या असर पड़ेगा?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने त्योहारों से पहले एक बड़ा फैसला लेते हुए GST दरों में बीते दिन महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। GST परिषद ने अब स्वास्थ्य और बीमा उत्पादों पर 18 प्रतिशत GST को घटाकर शून्य कर दिया है। यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और इसका उद्देश्य लोगों को राहत देना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कदम से परिवार और व्यक्ति आसानी से बीमा योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।
बदलाव
GST ढांचे में बदलाव
GST परिषद ने मौजूदा 4 स्लैब को घटाकर केवल 2 दरें रखी हैं। अब सिर्फ 5 और 18 प्रतिशत की दरें लागू होंगी, जबकि महंगी कारों और तंबाकू जैसे कुछ उत्पादों पर 40 प्रतिशत का विशेष स्लैब प्रस्तावित है। स्वास्थ्य और बीमा पर शून्य कर के अलावा मेडिकल उपकरणों और दवाओं से जुड़ी कुछ वस्तुओं पर GST घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे मरीजों और प्रदाताओं पर बोझ घटेगा।
असर
बीमा क्षेत्र पर क्या असर पड़ेगा?
विशेषज्ञों के अनुसार इस फैसले से स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में लगभग 15 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। प्रीमियम कम होने से अधिक परिवार बीमा खरीदने के लिए प्रेरित होंगे और वित्तीय सुरक्षा बढ़ेगी। हालांकि, बीमा कंपनियों को 3-6 प्रतिशत तक असर झेलना पड़ सकता है, क्योंकि नवीनीकरण और प्राइस एडजस्टमेंट में समय लगता है। इसके बावजूद यह फैसला लोगों के लिए योजनाओं को किफायती बनाने वाला साबित होगा।
सरकार
सरकार और अन्य पहलू
पिछले साल सरकार ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा से GST के रूप में 16,398 करोड़ रुपये जुटाए थे। नई व्यवस्था से यह आय घट सकती है और सरकार को सालाना 1.2-1.4 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 100-120 अरब रुपये) का नुकसान हो सकता है। हालांकि, बीमा क्षेत्र को बढ़ावा देने और परिवारों को सस्ता कवरेज उपलब्ध कराने के लिए इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही, चिकित्सा उपकरणों पर कम दरें स्वास्थ्य क्षेत्र के बोझ को भी कम करेंगी।