2024 में बड़े स्तर पर हुई छंटनी, इतने कर्मचारियों ने गंवाई अपनी नौकरी
क्या है खबर?
2024 में कर्मचारियों की छंटनी का सिलसिला जारी रहा, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग बेरोजगार हो गए।
टेक और अन्य प्रमुख कंपनियों ने अपने खर्चों को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाला। इन कंपनियों में सिस्को, अमेजन, ऐपल और इंटेल जैसी बड़ी नामी कंपनियां शामिल हैं, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को घटाया।
छंटनी का उद्देश्य कंपनियों की वित्तीय स्थिति को सुधारना था और कारोबार को मजबूती देना था।
आंकड़ा
महीनावार छंटनी का आंकड़ा
लेऑफ्स के अनुसार, 2024 में हर महीने छंटनी के आंकड़े बढ़ते गए। जनवरी में 123 कंपनियों ने 34,137 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, जबकि फरवरी में यह संख्या 79 कंपनियों और 15,639 कर्मचारियों तक पहुंच गई।
मार्च में 37 कंपनियों ने 7,403 कर्मचारियों की छंटनी की। अप्रैल में यह संख्या 59 कंपनियों और 22,423 कर्मचारियों तक पहुंची, जिससे यह साल की शुरुआत में ही एक बड़ा संकेत था कि कंपनियां अपने खर्चों को घटाने की कोशिश कर रही हैं।
छंटनी
मध्य वर्ष में बड़ी छंटनियां
पिछले साल अगस्त के महीने में कर्मचारियों की छंटनी में एक और उछाल आया, जब इंटेल, IBM और सिस्को जैसी कंपनियों ने 27,000 से अधिक कर्मचारियों को बाहर किया। ऐपल ने भी अपने सेवा समूह से 100 कर्मचारियों को निकाला।
इसके बाद डेल ने भी पिछले साल 12,500 कर्मचारियों को बाहर किया। ये कंपनियां अपने खर्चों में कटौती करने और मुनाफे में वृद्धि लाने के लिए यह कदम उठा रही थीं।
कंपनियां
इन कंपनियों ने भी की छंटनी
सिस्को, अमेजन, पैरामाउंट ग्लोबल और स्पाइसजेट जैसी कंपनियों ने प्रमुख रूप से कर्मचारियों की छंटनी की। सिस्को ने 4,200 कर्मचारियों को बाहर किया, जबकि अमेजन ने 400 कर्मचारियों को निकाला।
भारतीय एयरलाइन स्पाइसजेट ने 1,400 कर्मचारियों को बाहर किया। नोकिया ने भी भारत में 250 कर्मचारियों को निकाला। इन कंपनियों ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए यह कदम उठाया।
अगस्त महीने में करीब 26,000 कर्मचारियों की नौकरी गई थी।
दिसंबर
दिसंबर में भी छंटनी रही जारी
2024 का साल समाप्त होने तक दिसंबर में भी छंटनी का सिलसिला जारी रहा। इस महीने में 23 कंपनियों ने 2,268 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला।
दिसंबर की छंटनी ने यह स्पष्ट कर दिया कि 2024 में छंटनी एक आम बात बन गई थी और इसने लाखों कर्मचारियों को प्रभावित किया।
अनुमान है कि 2025 में कंपनियां छंटनी कर सकती हैं, क्योंकि कंपनियां अभी भी अपना खर्च कम करने का प्रयास कर रही हैं।