सोने की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी, जानिए इतना महंगा हुआ
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और वैश्विक व्यापार युद्ध की चिंताओं के कारण गुरुवार को सोने की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।
हाजिर सोना 0.5 प्रतिशत बढ़कर 2,945.83 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि इसने 2,947.11 डॉलर का नया रिकॉर्ड बनाया।
अमेरिकी सोने का वायदा भी 0.9 प्रतिशत बढ़कर 2,963.80 डॉलर प्रति औंस हो गया। इस साल अब तक सोने की कीमतों में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
कीमतें
भारत में सोने की कीमतों में तेज उछाल
भारत में भी सोने की कीमतें वैश्विक बाजार के अनुरूप बढ़ीं। गुडरिटर्न्स के अनुसार, 24 कैरेट सोना 8,804 रुपये प्रति ग्राम, 22 कैरेट 8,070 रुपये और 18 कैरेट 6,603 रुपये प्रति ग्राम तक पहुंच गया।
घरेलू बाजार में यह उछाल अमेरिकी टैरिफ नीतियों, मुद्रास्फीति और केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी के कारण आया।
निवेशक बढ़ती अनिश्चितताओं के कारण सोने को सुरक्षित संपत्ति मान रहे हैं। सोने के एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) में भी तेजी देखी गई।
वजह
कीमतों में तेजी के मुख्य कारण
सोने की कीमतों में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। अमेरिका द्वारा स्टील, एल्युमीनियम और अन्य वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने से व्यापार युद्ध की आशंकाएं बढ़ी हैं।
मुद्रास्फीति और फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर निवेशकों की चिंता बढ़ी है। फेड की बैठक के मिनटों से संकेत मिला कि मुद्रास्फीति बढ़ने पर ब्याज दरों में कटौती हो सकती है, जिससे सोने की मांग बढ़ सकती है।
केंद्रीय बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिससे कीमतों में मजबूती बनी हुई है।
अनुमान
क्या सोना 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचेगा?
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यदि मौजूदा आर्थिक और भू-राजनीतिक हालात जारी रहे, तो सोने की कीमत जल्द ही 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है।
KCM ट्रेड के प्रमुख विश्लेषक टिम वॉटरर के अनुसार, वैश्विक व्यापार और मुद्रास्फीति के अनिश्चित हालात सोने के पक्ष में काम कर रहे हैं।
हालांकि, अगर रूस-यूक्रेन युद्ध में कूटनीतिक समाधान निकलता है या फेडरल रिजर्व अपनी मौद्रिक नीति बदलता है, तो सोने की कीमतों में स्थिरता आ सकती है।