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ट्यूबलेस और ट्यूब वाले टायर के बीच क्या अंतर है? जानिए फायदे और नुकसान

ट्यूबलेस और ट्यूब वाले टायर के बीच क्या अंतर है? जानिए फायदे और नुकसान

Oct 22, 2020
05:20 pm

क्या है खबर?

कार खरीदते समय ज्यादातर ग्राहक उसके टायर्स पर ध्यान देते हैं, क्योंकि ये कार के महत्वपूर्ण पार्ट्स में से होते हैं। सिर्फ कार खरीदते समय ही नहीं बल्कि कुछ समय बाद टायर बदलते समय भी लोग बहुत सोचते हैं। आजकल बाजार में ट्यूबलेस टायर्स का काफी चलन है और लोग ट्यूबलेस और ट्यूब वाले टायर के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं। अगर आप टायर्स बदलने की सोच रहे हैं तो उससे पहले इनके बीच के अंतर को जरूर जान लें।

#1

ट्यूबलेस टायर्स में हवा धीरे-धीरे निकलती है

ट्यूबलेस और ट्यूब टायर के बीच सबसे बड़ा अंतर पंचर होने पर हवा निकलने की गति का होता। लोग ध्यान देते हैं कि किस टायर में पंचर होने के बाद हवा धीमे-धीमे और किसमें एकदम निकल जाती है। टायर में से एकदम हवा निकलने से उसके फटने का डर होता है। इस कारण ड्राइवर कार पर कंट्रोल खो देता हैं और दुर्घटना हो जाती है। ट्यूब वाले टायर की अपेक्षा ट्यूबलेस टायर में पंचर होने पर हवा धीरे-धीरे निकलती है।

#2

फिट करने में होता है अंतर

दोनों टायर्स के बीच दूसरा बड़ा अंतर उनके फिट होने के तरीके और पंचर होने पर उन्हें ठीक करने में होता है। ट्यूब टायर को ठीक करने के लिए ट्यूब को बाहर निकालना पड़ता है। यह प्रक्रिया काफी कठिन होती है। वहीं ट्यूबलेस टायर को आसानी से कार में फिट किया जा सकता है। पंचर होने पर ट्यूबलेस टायर में छेदों को आसानी से ढूंढ सकते हैं। इन्हें ठीक करने के लिए अधिक चीजों की जरूरत नहीं पड़ती है।

#3

वजन में भी होता है अंतर

ट्यूबलेस और ट्यूब टायर के बीच तीसरा अंतर वजन का होता है। आमतौर पर ट्यूबलेस टायर अपनी डिजाइन की वजह से ट्यूब टायर के अपेक्षा हल्का होता है। यही कारण है कि ट्यूबलेस टायर के लगे होने से इंजन का काम कम हो जाता है और उस पर कम दबाव पड़ता है। इतना ही नहीं इससे ईंधन की खपत भी कम होती है। खासकर लंबी ड्राइव के दौरान ईंधन काफी बचता है।

#4

ट्यूबलेस टायर से होती है पैसों की बचत

ट्यूब टायर की अपेक्षा ट्यूबलेस टायर का उपयोग करने से लोगों के पैसे भी बचते हैं। इसका कारण ईंधन का कम खर्च होना भी है। ट्यूब टायर्स के साथ लोगों को कई अन्य चीजें जैसे स्पेयर टायर, अतिरिक्त ट्यूब, रिम, एक इनफ्लोटर और रिपेयरिंग टूल खरीदने की जरूरत होती है। वहीं ट्यूबलेस टायर के साथ केवल स्पेयर टायर, एक कार पंप और एक तरल सीलेंट खरीदने पड़ते हैं। इस तरह इन दोनों टायर्स में कई अंतर होते हैं।