फोर्ड फैक्ट्री पर 2,000 करोड़ निवेश करेगी टाटा, 2026 तक बनाएगी 2 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां
क्या है खबर?
टाटा मोटर्स कंपनी गुजरात के साणंद स्थित फोर्ड की फैक्ट्री खरीद रही है। दोनों कंपनियों ने फैक्ट्री के मालिकाना हक को ट्रांसफर करने के लिए सहमति पत्र दे दिया है। जल्द ही इसे मंजूरी मिल जाएगी।
खबर है कि कंपनी इस प्लांट पर लगभग 2,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है। टाटा का लक्ष्य 2026 तक इस फैक्ट्री में दो लाख इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बनाने का है।
आइये इस बारे में जानते हैं।
रोजगार
फोर्ड के कर्मचारियों को टाटा देगी काम
फोर्ड फैक्ट्री पर अधिग्रहण के एक हिस्से के रूप में टाटा मोटर्स इस प्लांट से फोर्ड के किसी भी मौजूदा कर्मचारी की छंटनी नहीं करेगी।
बता दें कि इस फैक्ट्री ने लगभग 23,000 कर्मियों को रोजगार दिया है। कंपनी के पास पहले से ही साणंद में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है जो फोर्ड इंडिया प्लांट के ठीक सामने है।
इस फैक्ट्री से इलेक्ट्रिक टियागो और टिगोर जैसे कई इलेक्ट्रिक गाड़ियों का निर्माण होता है।
योजना
2025 तक 10 इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च करेगी टाटा
टाटा मोटर्स अपनी मौजूदा साणंद फैक्ट्री में प्रति वर्ष 10,000 EV का उत्पादन करती है। इस प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता 1.5 लाख यूनिट प्रति वर्ष है।
कंपनी 2025 तक कुल 10 इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च करने वाली है। ऐसा करने के लिए कंपनी को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी और इसलिए टाटा फोर्ड के प्लांट खरीद रही है।
जानकारी के लिए बता दें कि इलेक्ट्रिक सेगमेंट में टाटा में सबसे अधिक वाहनों की बिक्री करती है।
फोर्ड
भारत में कारोबार समेट चुकी है फोर्ड
भारत में फोर्ड के दोनों प्लांटों को बंद करने का कारण इनके लगातार क्षमता से कम उपयोग को ठहराया जा रहा है।
दोनों प्लांटों में सालाना चार लाख यूनिट्स उत्पादन करने की क्षमता है। हालांकि, फोर्ड केवल 20 प्रतिशत क्षमता के साथ 80,000 कारों का उत्पादन कर रही थी।
बता दें कि कंपनी के साणंद प्लांट में कार निर्माण का काम 2021 के अंत तक बंद कर दिया गया था, जबकि चेन्नई प्लांट को इस साल बंद किया जाएगा।
जानकारी
भारत में इंजन का निर्माण करेगी फोर्ड
फोर्ड भारत में चुनिंदा डीलर्स के माध्यम से मस्टैंग कूपे, मस्टैंग इलेक्ट्रिक जैसी कारों की बिक्री करेगी। इन्हें भारत में CBU के रूप में लाया जाएगा।
कंपनी भारत में फोर्ड सर्विस, आफ्टरमार्केट पार्ट्स और वारंटी सपोर्ट के साथ फुल कस्टमर सपोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। वहीं, निर्यात के लिए फोर्ड भारत में इंजन का निर्माण भी करेगी।
फोर्ड के अलावा शेवरले, जनरल मोटर्स और हार्ले-डेविडसन जैसी कंपनियां भारत में अपने निर्माण बंद कर चुकी हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
फोर्ड इंडिया ने अपने साणंद फैक्ट्री को बनाने में कुल 4,500 करोड़ रुपये निवेश किया था। बता दें कि यह फैक्ट्री 2.4 लाख यूनिट्स वाहन और 2.7 लाख इंजन प्रतिवर्ष बनाने की क्षमता रखती है।