बाइक या कार चोरी होने पर आसानी से ऐसे क्लेम करें बीमा? जानिये पूरी प्रक्रिया
कार खरीदने के बाद लोग उसको मैंटेन करने के लिए कई चीजें लगवाते हैं। इसके अलावा वे इसका बीमा भी कराते हैं ताकि कोई दुर्घटना होने पर उन्हें अपनी जेब से पैसे न भरने पड़ें। साथ ही वाहन चोरी होने पर भी बीमा काफी काम आता है। हालांकि, कई लोगों को वाहन चोरी होने पर बीमा के लिए क्लेम करने की प्रक्रिया नहीं पता होती है और उनका नुकसान हो जाता है। इसलिए हमने यहां इसकी पूरी प्रक्रिया बताई है।
सबसे पहले FIR दर्ज करें
कार या वाहन चोरी होने पर बिना समय गवाएं सबसे पहले लोगों को उसकी फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट (FIR) दर्ज करानी चाहिए। लोगों को सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन जाना चाहिए और पूरी घटना बताकर FIR दर्ज करानी चाहिए और उसकी एक कॉपी अपने साथ रखनी चाहिए। बिना उसके बीमा क्लेम करना मुश्किल है। इसलिए बिना देर किए पुलिस स्टेशन जाकर FIR दर्ज कराएं। उसके बाद आगे कुछ करने की सोचें।
बीमा कंपनी को बताएं और फॉर्म भरें
FIR दर्ज कराने के बाद लोगों को सबसे पहले बीमा कंपनी को इसके बारे में जानकारी देनी चाहिए ताकि वे समय पर आपको क्लेम का पैसा दे सकें। कंपनी को बताने के बाद लोगों को बीमा क्लेम करने के लिए एक फॉर्म भरना होगा। इसमें उन्हें पॉलिसी नंबर से लेकर वाहन तक के बारे में सारी जानकारियां भरनी होंगी। इसके अलावा फॉर्म में वाहन चोरी होने की घटना और समय के बारे में भी भरना होगा।
RTO ऑफिस को भी दें जानकारी और फॉर्म के लिए तैयार रखें ये दस्तावेज
वाहन चोरी होने पर लोगों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में भी इसके बारे में जानकारी देनी चाहिए, क्योंकि उन्हें फॉर्म के साथ बामी कंपनी को यह लेटर देना होता है कि उन्होंने RTO को चोरी की जानकारी दी है। फॉर्म में इस लेटर के साथ-साथ अन्य दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी, पॉलिसी के दस्तावेज और FIR की कॉपी लगानी होगी। इन दस्तावेजों के बिना फॉर्म पूरा नहीं माना जाएगा।
कब मिलेगा पैसा?
पहले पुलिस पूरे मामले की जांच करेगी। अपनी जांच करने के बाद पुलिस नॉन ट्रेसेबल रिपोर्ट जमा करेगी। इसके बाद लोगों को अपने वाहन की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) बीमा कंपनी को देनी होगी। इतना ही नहीं उन्हें इसके साथ-साथ अपने वाहन की चाबी और रिपेयर इनवॉइस भी कंपनी को देनी होगी। इसके बाद सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार अप्रूवल मिलने के सात से आठ दिनों के भीतर कंपनी बीमा की राशि उनके अकाउंट में भेज देगी।