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रूस में क्यों बढ़ रही है भारतीय श्रमिकों की संख्या? जानिए इसके पीछे का कारण
रूस में लगातार बढ़ रही है भारतीय श्रमिकों की संख्या (तस्वीर: एक्स/@IndianTechGuide)

रूस में क्यों बढ़ रही है भारतीय श्रमिकों की संख्या? जानिए इसके पीछे का कारण

Aug 25, 2025
07:43 pm

क्या है खबर?

यूक्रेन के साथ पिछले 3 साल से चल रहे युद्ध के कारण श्रमिकों की कमी से जूझ रहे रूस में अब भारतीय श्रमिकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रूस भी अपने मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में कुशल विदेशी कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए भारतीयों को प्राथमिकता दे रहा है। रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने इसका खुलासा किया है। आइए जानते हैं आखिर रूस भारतीय श्रमिकों में रुचि क्यों दिखा रहा है।

हालात

रूस में भारतीय श्रमिकों को लेकर क्या है स्थिति?

रूस में भारतीय दूतावास के राजदूत कुमार ने समाचार एजेंसी TASS से कहा, "रूस प्रवासी कामगारों के अपने स्रोत को पूर्व सोवियत गणराज्यों से आगे बढ़ाकर म्यांमार सहित एशियाई देशों तक पहुंचाने की योजना बना रहा है।" उन्होंने कहा, "रोजगार के अवसरों की तलाश में अधिक संख्या में भारतीयों के रूस पहुंचने से वाणिज्य दूतावास सेवाओं का कार्यभार बढ़ गया है। रूस में बड़े स्तर पर श्रमिकों की आवश्यकता है और भारत के पास कुशल मानव संसाधन उपलब्ध हैं।"

क्षेत्र

रूस के निर्माण और कपड़ा क्षेत्र में लगे हैं अधिकांश श्रमिक

कुमार ने कहा, "यहां (रूस) आने वाले अधिकांश भारतीय लोग निर्माण और कपड़ा क्षेत्र से हैं। मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भी भारतीयों की मांग बढ़ रही है।" उन्होंने कहा, "जब लोग आते हैं और जाते हैं, तो उन्हें पासपोर्ट की अवधि बढ़ाने, उदाहरण के लिए बच्चे के जन्म, पासपोर्ट खोने आदि के लिए मूल रूप से वाणिज्यिदूत संबधी सेवाओं की आवश्यकता होती है। हम श्रमिकों की बढ़ती संख्या से निपटने की तैयारी कर रहे हैं।"

संख्या

रूस में कैसे बढ़ी भारतीय कामगारों की संख्या?

थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) ने रूसी सरकार के आंकड़ों के आधार पर बताया कि हाल में भारतीय श्रमिकों की संख्या में वृद्धि हुई है। साल 2021 में 5,480 भारतीयों को वर्क परमिट मिला था, जो 2024 में बढ़कर 36,208 हो गया। यूराल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रमुख आंद्रेई बेसेदिन ने दावा किया था कि रूस अपने श्रमिकों की कमी को पूरा करने के लिए भारत से 10 लाख श्रमिकों की भर्ती की योजना बना रहा है।

दावा

बेसेदिन ने यह भी किया था दावा

BBC मॉनिटरिंग के अनुसार, बेसेदिन ने कहा, "विशेष रूप से भारत के साथ समझौते हो चुके हैं। वर्ष के अंत तक भारत से 10 लाख विशेषज्ञ रूस आएंगे, जिनमें स्वेर्दलोव्स्क क्षेत्र भी शामिल है। इन मामलों को संभालने के लिए येकातेरिनबर्ग में भारत का एक नया महावाणिज्य दूतावास खुल रहा है।" उन्होंने यह भी कहा था कि श्रीलंका से भी कामगारों को लाने की योजना है। रूसी विदेश मंत्रालय ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।

खंडन

रूसी श्रम मंत्रालय ने किया था दावों का खंडन

हालांकि, जुलाई में रूसी श्रम मंत्रालय ने बेसेदिन के इन दावों का खंडन कर दिया था। मंत्रालय ने कहा था, "10 लाख भारतीय कर्मचारियों को नियुक्त करने का दावा गलत है। भारत जैसे वीजा वाले देशों से श्रमिकों को कोटा प्रणाली के जरिए रूस लाया जाता है। कोटा एक साल पहले से तय कर दिया जाता है। कोटे की मात्रा नियोक्ताओं द्वारा घोषित जरूरतों के अनुसार क्षेत्रों से आने वाले अनुरोधों के आधार पर तय की जाती है।"

जानकारी

साल 2025 में भारतीयों के लिए कितना कोटा है? 

रूसी श्रम मंत्रालय के अनुसार, साल 2025 के कोटा के तहत भारतीयों के लिए वर्क परमिट की अधिकतम संख्या 71,817 निर्धारित की गई है। अभी यह कोटा ही पूरा नहीं हुआ है। 10 लाख श्रमिकों की भर्ती का दावा पूरी तरह गलत है।

कमी

रूस में आई श्रमिकों की कमी

रूस वर्तमान में घरेलू कार्यबल में कमी से जूझ रहा है। रूस की जनसांख्यिकीय गिरावट और प्रवासन-विरोधी नीतियों ने इस प्रवृत्ति को और बदतर बना दिया है। श्रम की कमी के बीच, रूसी कारखानों ने 2024 में 47,000 विदेशी श्रमिकों को काम पर रखा था। यह सरकार द्वारा निर्धारित 40,500 श्रमिकों के कोटे से 16 प्रतिशत अधिक था। इनमें से अधिकतर श्रमिक यात्रज्ञ के लिए वीजा की आवश्यकता वाले चीन, भारत, तुर्की, सर्बिया और अन्य देशों से हैं।