LOADING...
कौन है सूडान गुरुंग, जिनके नेतृत्व में नेपाल की सड़कों पर उतरी Gen-Z?
नेपाल में Gen-Z के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं सूडान गुरंग

कौन है सूडान गुरुंग, जिनके नेतृत्व में नेपाल की सड़कों पर उतरी Gen-Z?

Sep 09, 2025
01:13 pm

क्या है खबर?

नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार को लेकर Gen-Z सड़कों पर उतरी हुई है। सरकार द्वारा इस विरोध को दबाने के लिए बरती गई सख्ती के बाद हिंसा भड़क उठी। इसमें अब तक 19 युवाओं की मौत हो गई और 300 से अधिक घायल हैं। हालांकि, इसके बाद सरकार को पीछे हटना पड़ा और उसने सोशल मीडिया से प्रतिबंध हटा दिया। आइए जानते हैं इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले युवा नेता सूडान गुरुंग कौन हैं।

हालात

नेपाल में अभी कैसे हैं हालात?

नेपाल में मंगलवार को दूसरे दिन भी युवा सड़कों पर उतर आए। उन्होंने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास पर कब्जा कर जमकर तोड़फोड़ की है। इसी तरह संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड समेत कई मंत्री और नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया है। गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि और पशुधन विकास मंत्री रामनाथ अधिकारी, पानी आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव समेत 5 मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। वर्तमान में हालत बेकाबू है।

परिचय

कौन हैं सूडान गुरुंग?

इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले 36 वर्षीय सूडान गुरंग नेपाल में जमीनी स्तर के नेता और समाजसेवी माने जाते हैं। वह देश में संचालित एक गैर-सरकारी संगठन 'हामी नेपाल' के अध्यक्ष भी हैं। साल 2015 में नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद लोगों की मदद के लिए इस संगठन का गठन किया गया था ओर गुरंग को उसका अध्यक्ष बनाया गया था। गुरंग सरकार विरोधी नीतियों के खिलाफ हमेशा से खुलकर विरोध जताते आए हैं।

एकजुट

गुरंग ने युवाओं को विरोध के लिए कैसे किया एकजुट?

नेपाल में पहले से ही भ्रष्टाचार, आर्थिक असमानता और कुप्रशासन के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ था। इस गुस्से की आग में घी डालने का काम सरकार के सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के फैसले ने किया। इस फैसले के बाद गुरंग ने टिक-टॉक और अन्य संचालिल ऐप के जरिए युवाओं से सरकार के फैसले का विरोध करने की अपील की और छात्रों से स्कूल-कॉलेज यूनिफॉर्म में शांतिपूर्ण मार्च निकालने का संदेश दिया। ऐसे पूरी Gen-Z एकजुट हो गई।

पोस्ट

गुरंग ने अपनी पोस्ट में क्या लिखा था?

गुरंग ने युवाओं को एकजुट करने के लिए अपनी पोस्ट में लिखा था, 'भाइयों और बहनों। 8 सितंबर वो दिन है, जब नेपाल के युवा उठेंगे और कहेंगे कि अब बहुत हो गया। ये हमारा समय है, हमारी लड़ाई है और ये हम युवाओं से ही शुरू होगी।' उन्होंने लिखा, 'हम अपनी आवाज उठाएंगे, मुट्ठियां भीचेंगे, हम एकता दिखाएंगे, उनको अपनी शक्ति दिखाएंगे जो नहीं झुकने का दंभ भरते हैं।' इस पोस्ट ने देश के युवाओं में जोश भर दिया।

जिंदगी

2015 के भूकंप ने बदल दी थी गुरंग की जिंदगी?

गुरंग पहले इवेंट मैनेजमेंट का काम करते थे और उनकी जिंदगी पार्टियां आयोजित करने के इर्द-गिर्द घूमती थी। इसके बाद 2015 में आए भीषण भूकंप ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया। उस भूकंप में उन्होंने अपने बेटे को खो दिया था। उसके बाद वह मानवता के कामों में लग गए और 'हामी नेपाल' की स्थापना कर दी। अब गुरुंग एक सामाजिक कार्यकर्ता बन चुके थे। उन्होंने अपने संगठन का पंजीयत साल 2020 में कराया था।

इतिहास

पहले भी कई प्रदर्शन कर चुके हैं गुरंग 

गुरंग पूर्व में भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने बीपी कोइराला स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान में पारदर्शिता के लिए 'घोपा शिविर' का नेतृत्व किया था। इसी तरह वह भूकंप त्रासदी के बाद सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर भी आवाज उठाते रहे हैं। वह लगातार आंदोलनों का नेतृत्व करते रहे हैं। इसके चलते धीरे-धीरे उन्हें नौजवान युवकों का समर्थन मिलता गया और अब वह Gen-Z की एक बुलंद आवाज बन गए हैं।