लेबनान में हिजबुल्लाह क्या है और क्या यह इजरायल के खिलाफ युद्ध कर सकता है?
इजरायल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स इलाके में रॉकेट हमले में रविवार को कई बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई है। इजरायल ने इस हमले के लिए आतंकी संगठन हिजबुल्लाह को जिम्मेदार ठहराया है और इसे 7 अक्टूबर के बाद से अपने खिलाफ सबसे घातक हमला बताया है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच पिछले 9 महीनों से लगातार भिड़ंत हो रही है। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है हिजबुल्लाह और लेबनान में इसकी भूमिका कैसी है।
हिजबुल्लाह संगठन क्या है?
हिजबुल्लाह एक शिया मुस्लिम संगठन है और लेबनान में सबसे शक्तिशाली सशस्त्र बल पर इसका नियंत्रण है। इसकी स्थापना 1980 के दशक की शुरुआत में क्षेत्र की सबसे प्रभावशाली शिया शक्ति ईरान ने इजरायल का विरोध करने के लिए की थी। उस समय, देश के गृहयुद्ध के दौरान इजरायल की सेना ने दक्षिणी लेबनान पर कब्जा कर लिया था। यह संगठन 1992 से राष्ट्रीय चुनावों में भाग ले रहा है और एक प्रमुख राजनीतिक उपस्थिति बन गया है।
हिजबुल्लाह ने इजरायल और अमेरिकी सेना पर किए हैं कई घातक हमले
हिजबुल्लाह की हथियारबंद शाखा ने लेबनान में इजरायली और अमेरिकी सेना पर कई घातक हमले किए हैं। साल 2000 में इजरायल के लेबनान से वापसी करने के बाद उसे बाहर निकालने का श्रेय भी इसी संगठन को जाता है। हिजबुल्लाह ने दक्षिणी लेबनान में हजारों लड़ाकों का समूह तैयार करने के साथ हथियार और मिसाइलों का भी भंडार कर रखा है। यह संगठन विवादित सीमा क्षेत्रों में इजरायल की मौजूदगी का कड़ा विरोध करता रहा है।
हिजबुल्लाह को इन देशों ने घोषित कर रखा है आतंकवादी संगठन
इजरायल के अलावा अमेरिका ने 1997 में हिजबुल्लाह को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। उसके बाद यूरोपीय संघ, अरब लीग और खाड़ी सहयोग परिषद सहित 60 देशों ने हिजबुल्लाह को आतंकवादी समूह घोषित कर दिया। साल 2006 में इसके हमलों के बाद इजरायल ने दक्षिणी लेबनान पर हमला किया था। हालांकि, उसके बाद भी यह संगठन अस्तित्व में रहा और उसके बाद इसने अपने सदस्यों की संख्या बढ़ा ली। वर्तमान में इसके पास कई अत्याधुनिक हथियार भी हैं।
कौन है हिजबुल्लाह का प्रमुख नेता?
शिया धर्मगुरु शेख हसन नसरल्लाह इस संगठन का प्रमुख है और 1992 से इसका नेतृत्व कर रहा है। नसरल्लाह ने संगठन को राजनीतिक और सैन्य बल में बदलने में अहम भूमिका निभाई है। ईरान और उसके सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के साथ इसके घनिष्ठ संबंध हैं। नसरल्लाह कई सालों से सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया है। कहा जाता है कि उसे इजरायल द्वारा हत्या किए जाने का डर है। हालांकि, वह हर सप्ताह टेलीविजन पर भाषण देता है।
कितना शक्तिशाली है हिजबुल्लाह संगठन?
हिजबुल्लाह दुनिया की सबसे भारी हथियारों से लैस गैर-सरकारी सैन्य ताकतों में से एक है। ईरान इसे पैसा और उपकरण मुहैया कराता है। नसरल्लाह संगठन में 1 लाख लड़ाके होने का दावा किया है। हालांकि, वास्तविकता में यह संख्या 20,000 से 50,000 के बीच बताई जाती है। इनमें से कई प्रशिक्षित और युद्ध में अनुभवी हैं। उन्होंने सीरियाई गृह युद्ध में भी लड़ाई लड़ी थी। अनुमान के अनुसार, संगठन के पास 1.20 से 2 लाख तक रॉकेट और मिसाइलें हैं।
हिजबुल्लाह के पास है कई तरह की मिसाइलें
एक रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह के पास सामान्य तौर पर सतह से सतह पर मार करने वाले रॉकेट, विमान रोधी और जहाज रोधी मिसाइलें भी हैं। इसमें से कुछ गाइडेंट मिसाइलें भी हैं, जो इजरायल के भीतर तक हमला करने में सक्षम है।
क्या इजरायल के खिलाफ युद्ध कर सकता है हिजबुल्लाह?
अक्टूबर 2023 में इजरायल पर हमास के हमले के एक दिन बाद हिजबुल्लाह ने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए इजरायली ठिकानों पर गोलीबारी कर दी थी। उसके बाद से दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया है। हिजबुल्लाह उत्तरी इजराइल और गोलान हाइट्स में रॉकेट दागे चुका है। इसके अलावा बख्तरबंद वाहनों के साथ सैन्य ठिकानों पर हमला भी कर चुका है। इजराइल रक्षा बलों (IDF) ने भी लेबनान में उसके ठिकानों को निशाना बनाया है।
क्या निकले हैं दोनों के बीच लड़ाई के परिणाम?
संयुक्त राष्ट्र (UN) का कहना है कि हमलों के कारण लेबनान में 90,000 से अधिक लोगों के घर उजड़ गए तथा इजरायली हमलों में लगभग 100 नागरिक और 366 हिजबुल्लाह लड़ाके मारे गए। इजरायल में अधिकारियों का कहना है कि हिजबुल्लाह के हमलों के कारण 60,000 नागरिकों के घर तबाह हो गए और 33 लोग मारे गए हैं। हालांकि, अभी तक दोनों पक्षों ने सीमा पार कर लड़ाई करने का कोई प्रयास नहीं किया है।