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क्या है 'क्लॉग द टॉयलेट' अभियान, जिसे अमेरिकियों ने भारतीयों के खिलाफ चलाया था?
अमेरिकियों ने वीजा अनिश्चितता के बीच अमेरिका लौट रहे भारतीयों के खिलाफ ऑनलाइन अभियान चलाया था

क्या है 'क्लॉग द टॉयलेट' अभियान, जिसे अमेरिकियों ने भारतीयों के खिलाफ चलाया था?

लेखन आबिद खान
Sep 28, 2025
05:59 pm

क्या है खबर?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में H-1B वीजा की फीस बढ़ाने का ऐलान किया था। इससे उपजे अनिश्चितता के माहौल में दिग्गज तकनीकी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका लौटने को कहा था। इसके बाद जो भारतीय देश आए थे, वे आनन-फानन में अमेरिका की टिकट बुक करने लगे। हालांकि, इस दौरान अमेरिका के दक्षिणपंक्षी ट्रोल्स ने भारतीयों के खिलाफ नीच और निंदनीय हरकत की। आइए 'क्लॉग द टॉयलेट' अभियान के बारे में जानते हैं।

अभियान

क्या है 'क्लॉग द टॉयलेट' अभियान?

भारतीयों को अमेरिका लौटने से रोकने के उद्देश्य को लेकर दक्षिणपंथी अमेरिकी ट्रोल्स ने ये अभियान शुरू किया था। इसके तहत इन ट्रोल्स ने अमेरिका की फ्लाइट बुक कर रहे भारतीयों की कोशिशों को विफल करने की कोशिश की। इन ट्रोल्स ने भारत से अमेरिका जाने वाली फ्लाइट्स में टिकट बुक करने की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन उसका भुगतान नहीं किया। इससे सीटें अस्थायी रूप से ब्लॉक हो गई और जरूरतमंद लोग टिकट बुक नहीं कर पाए।

तरीका

ट्रोल्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 4Chan का किया इस्तेमाल

ट्रोल्स ने अभियान के लिए 4Chan नामक गोपनीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया। इसमें ट्रोल्स को बकायदा निर्देश दिए गए कि वे भारत अमेरिका के बीच लोकप्रिया उड़ानों की खोज करें और सीटें बुक करना शुरू करें। फिर चेकआउट पेज को भुगतान किए बिना 15 मिनट तक छोड़ दें। इससे ये सीटें ब्लॉक हो जाएंगी और भारतीय बुक नहीं कर पाएंगे। प्लेटफॉर्म पर शेखी बघारी नामक यूजर ने लिखा, 'मैंने 100 सीटें ब्लॉक कर दी हैं।'

बयान

ट्रोल्स ने बताया 'भारतीयों को अमेरिका से बाहर' रखने का तरीका

4Chan पर एक यूजर ने लिखा, 'भारतीय अभी H-1B वीजा की खबर के बाद जाग रहे हैं। क्या आप उन्हें भारत में ही रखना चाहते हैं? फ्लाइट रिजर्वेशन सिस्टम को जाम कर दीजिए!' पोस्ट में आगे बताया गया कि इस दौरान एयरलाइन 15 मिनट तक सीट रोके रखेगी, जिससे वास्तविक यात्री बाहर हो जाएंगे। एक 4Chan यूजर ने भारत-अमेरिका के बीच सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाली 25 उड़ानों की सूची भी साझा की।

प्रभावित

भारतीयों पर क्या हुआ असर?

बता दें कि H-1B वीजा सबसे ज्यादा भारतीयों को मिलते हैं। इस वजह से इस अभियान से भारतीय ही सबसे ज्यादा प्रभावित भी हुए। फ्लाइट बुकिंग प्लेटफॉर्म के मुताबिक, इस दौरान न्यूयॉर्क, सैन फ़्रांसिस्को और शिकागो जाने वाली सैकड़ों उड़ानें या तो ब्लॉक हो गईं या सामान्य से दोगुनी कीमत पर बुक की गईं। कई लोगों ने ऑनलाइन शिकायत की कि उड़ानों का चयन करने के बाद भी वे बुकिंग पूरी नहीं कर सके।

असर

भारतीय इंजीनियर ने सुनाई आपबीती

भारत में छुट्टियां मनाने आईं ऑस्टिन की सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमृता भी इस अभियान का शिकार हुईं। उन्होंने समाचार एजेंसी AFP को बताया, "मेरे लिए टिकट बुक करना मुश्किल था और घबराहट में यात्रा करने के लिए मैंने भारी किराया चुकाया।" उन्होंने बताया कि कतर एयरवेज की डलास तक की फ्लाइट उन्होंने करीब 1.77 लाख रुपये में बुक की, जो सामान्य से करीब दोगुना ज्यादा है। हालांकि, एयरलाइंस ने कहा कि सभी सिस्टम सामान्य तरीके से काम कर रहे थे।