#NewsBytesExplainer: अमेरिका में हवाई के जंगलों में कैसे लगी आग और अब तक कितना नुकसान हुआ?
अमेरिका के हवाई द्वीप पर जंगलों में लगी भीषण आग पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है। इस आग में जलकर मरने वालों का आंकड़ा अब 89 पर पहुंच गया है। हजारों घर और वाहन जलकर खाक हो गए हैं। अभी भी कई इलाकों में आग की वजह से हालात बेकाबू हैं, इस वजह से मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। आइए समझते हैं कि आग क्यों लगी और इससे कितना नुकसान हुआ है।
आग से अब तक कितना नुकसान हुआ?
मौतों के अलावा आग की वजह से 2,207 इमारतों, हजारों वाहनों और पशुओं को भारी नुकसान हुआ है। ऐतिहासिक शहर लाहिना पूरी तरह जलकर खाक हो गया है। हवाई के गर्वनर जॉश ग्रीन के मुताबिक, लाहिना को दोबारा बसाने में 5.52 बिलियन डॉलर (लगभग 46,000 करोड़ रुपये) और कई साल लग जाएंगे। इसे हवाई में अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा कहा जा रहा है। इससे पहले 1961 में एक समुद्री लहर में 61 लोगों की मौत हुई थी।
क्या है आग लगने की वजह?
आग की स्पष्ट वजह अभी तक सामने नहीं आई है। हालांकि, तूफानी हवाओं और शुष्क मौसम को इसके पीछे बड़ी वजह माना जा रहा है। अमेरिका के मौसम विभाग के मुताबिक, राज्य का लगभग 14 प्रतिशत हिस्सा गंभीर या मध्यम सूखे की श्रेणी में है। हवाई का 80 प्रतिशत इलाका असामान्य रूप से शुष्क के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसके अलावा डोरा तूफान की वजह से तेज हवाओं ने आग को फैलने में मदद की।
अभी कैसे हालात हैं?
अभी भी राहत और बचाव दल आग बुझाने में जुटा है। फिलहाल 3 जगहों पर आग अभी भी बुझी नहीं है। शुक्रवार देर रात तक लाहिना में 85 प्रतिशत, पुलेहू में 80 प्रतिशत और माउ में 50 प्रतिशत इलाके की आग को बुझा दिया गया है। शुक्रवार को लाहिना शहर में लोगों की आवाजाही शुरू की गई थी, लेकिन कुछ ही देर बाद इसे आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर फिर बंद कर दिया गया।
पहले कब-कब हुई ऐसी घटनाएं?
बता दें कि हवाई द्वीप समुद्र और सूखे जंगलों से घिरा है। इस वजह से यहां सुनामी और आग जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं। साल 2018 में लेन तूफान की वजह से चली तेज हवाओं ने हवाई के जंगलों में आग भड़काई थी। तब 2,000 एकड़ जमीन, 31 वाहन और 21 घर आग में पूरी तरह जल गए थे। 1946 में सुनामी की वजह से यहां 150 से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
समय पर चेतावनी नहीं देने से ज्यादा नुकसान
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि आग लगने से पहले अलार्म सिस्टम ने काम नहीं किया, इस वजह से लोग अलर्ट नहीं हो पाए। लोगों को मोबाइल, टीवी और रेडियो पर चेतावनी जारी की गई, लेकिन बिजली कटौती और नेटवर्क में दिक्कत की वजह से लोगों तक ये पहुंची नहीं। 63 वर्षीय विल्मा रीड ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमें आग के बारे में तब पता चला जब वो हमारी गली में फैल गई थी।"
घटना पर प्रशासन का क्या कहना है?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने जंगलों में लगी आग से निपटने के लिए 'सभी उपलब्ध संघीय संसाधनों' का उपयोग करने का आदेश दिया है। अलर्ट सिस्टम के समय पर काम नहीं करने के आरोपों पर हवाई के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस बात की व्यापक समीक्षा की जाएगी। CNN से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा, "हमने आग की तीव्रता और गंभीरता को कम आंका।"
इलाके में अब जैविक प्रदूषण का खतरा
आग की वजह से जानवरों और लोगों के चलने से इलाके में अब जैविक प्रदूषण का खतरा बना हुआ है। हवाई स्वास्थ्य विभाग ने कई क्षेत्रों को प्रतिबंधित कर दिया है। लोगों से N95 मास्क, ग्लव्स और दूसरे सुरक्षा उपकरण पहनने की अपील की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि राख और धूल में एस्बेस्टस, आर्सेनिक और सीसा सहित जहरीले और कैंसर पैदा करने वाले तत्व हो सकते हैं।