
हमास से संबंध रखने के मामले में भारतीय छात्र की निर्वासन प्रक्रिया अमेरिकी कोर्ट ने रोकी
क्या है खबर?
अमेरिका की एक कोर्ट से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका लगा है। कोर्ट ने हमास से संबंध रखने के मामले में भारतीय छात्र बदर खान सूरी के निर्वासन प्रक्रिया को रोकने के आदेश दिए हैं।
वर्जीनिया के एलेक्जेंड्रिया में अमेरिकी जिला न्यायाधीश पैट्रिशिया गिल्स ने 3 पैराग्राफ के आदेश में कहा कि यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि कोर्ट इसे हटा नहीं देती।
फैसले के बाद अगले आदेश तक ट्रंप प्रशासन सूरी को निर्वासित नहीं कर सकेगा।
सुनवाई
सूरी के वकील ने क्या दिया तर्क?
सूरी के वकील ने कोर्ट में बताया कि अमेरिका उन पर अमेरिकी विदेश नीति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाने के बाद देश से बाहर करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि 15 मार्च को विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने निर्धारित किया कि सूरी को उनकी कथित गतिविधियों के लिए निर्वासित किया जा सकता है, जबकि सूरी इमिग्रेशन कोर्ट में सुनवाई की तारीख का इंतजार कर रहे हैं।
उधर, अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने भी सूरी का बचाव किया है।
घटना
क्या है बदर खान सूरी का मामला?
बदर खान सूरी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक्टरल शोधकर्ता है।
उन्हें सोमवार रात वर्जीनिया में उनके घर के बाहर संघीय एजेंटों ने गिरफ्तार किया था। उन्हें लुइसियाना में हिरासत केंद्र में रखा गया है।
सूरी पर आरोप है कि उसके हमास के साथ संबंध हैं और सोशल मीडिया पर अमेरिका में यहूदी विरोधी भावना फैलाई।
सूरी की गतिविधियों के कारण उसे भारत निर्वासित करने की तैयारी चल रही है।