5 मौके जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानियों को वैधता प्रदान करते नजर आए
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के प्रति अपनी सहिष्णुता के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। इसी कारण कनाडा में खालिस्तानी तत्वों को बढ़ावा मिलता रहा है। ऐसे कई मौके आये हैं जब ट्रूडो ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ एक्शन लेने की बजाय नरम प्रतिक्रिया अपनाई है। आइए जानते हैं कि ट्रूडो ने कब-कब खालिस्तानियों को वैधता प्रदान करते नजर आए।
खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर को बताया कनाडाई नागरिक
मंगलवार को ट्रूडो ने जून में मारे गए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को कनाडाई नागरिक बताया और आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ हो सकता है। ट्रूडो ने कहा, "कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंट्स और एक कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित लिंक के विश्वसनीय आरोपों की जांच कर रही है।" भारत में वांछित और खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या 18 जून को हुई थी।
कनाडा में खालिस्तान पर जनमत संग्रह पर साधी चुप्पी
खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 10 सितंबर को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में एक बार फिर से खालिस्तान पर जनमत संग्रह करवाने की घोषणा की थी। ये वही दिन था जब जब ट्रूडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खालिस्तानी मुद्दे पर बात की थी। बैठक के बाद ट्रूडो ने अपने देश में खालिस्तानी प्रदर्शनों पर कहा था, "कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण प्रदर्शनों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा।"
इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी को बताया अभिव्यक्ति की आजादी
6 जून को कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तानियों ने एक परेड निकाली थी। इस परेड की एक झांकी में इंदिरा गांधी की हत्या का दृश्य दिखाया गया था। ट्रूडो ने इसका भी बचाव करते हुए कहा था, "कनाडा विविधता वाला और एक अलग सोच रखने वाला देश है। यहां सबको अभिव्यक्ति की आजादी है। भारत का कनाडा की धरती पर सिख उग्रवाद होने की बात कहना गलत है। हमने हमेशा हिंसा और धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया है।"
खालिस्तानियों के भारत विरोधी पोस्टरों पर दोहरा रवैया
ट्रूडो ने जब ये बात कही कि कनाडा हिंसा को गंभीरता से लेता है, लगभग उसी समय निज्जर की हत्या के विरोध में खालिस्तानी समर्थकों ने भारत विरोधी पोस्टर जारी किए थे। इस पोस्टर में 'किल इंडिया कैप्शन' के साथ भारतीय दूतावास के राजदूत संजीव कुमार वर्मा और टोरंटो में कॉन्सुलेट जनरल अपूर्वा श्रीवास्तव की फोटो लगाई गई थी। भारत सरकार ने इसका कड़ा विरोध भी जताया था।
ट्रूडो की पत्नी की खालिस्तानी आतंकवादी के साथ तस्वीरें
2018 में ट्रूडो भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए थे और तब कनाडाई दूतावास में उनके रात्रिभोज में खालिस्तानी आतंकवादी जसपाल अटवाल शामिल हुआ था। ट्रूडो की तत्कालीन पत्नी सोफी की अटवाल के साथ तस्वीरें सामने आई थीं। ट्रूडो ने एक कनाडाई सांसद पर इसका दोष मढ़ा था और कहा कि अटवाल को कभी भी निमंत्रण नहीं मिलना चाहिए था और उन्हें जैसे ही पता चला, उन्होंने निमंत्रण रद्द कर दिया था। हालांकि, इसे महज बयानबाजी माना गया।