अफगानिस्तान: काबुल में कोचिंग सेंटर में आत्मघाती हमला, 100 से अधिक छात्रों की मौत
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक कोचिंग सेंटर में आज सुबह आत्मघाती हमला हुआ जिसमें कम से कम 100 छात्रों के मरने की खबर है। काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जदरान के अनुसार, हमले में दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जिस समय हमला हुआ, उस समय छात्र कोचिंग में अपनी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे। घटना की तस्वीरों और वीडियो में लहूलुहान पीड़ितों को घटनास्थल से ले जाते हुए देखा जा सकता है।
हजारा समुदाय के इलाके में हुआ हमला
ये आत्मघाती हमला पश्चिमी काबुल के दश्त-ए-बर्ची इलाके में हुआ। यह शिया बहुल इलाका है और बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के लोग यहां रहते हैं। हजारा समुदाय को पहले भी निशाना बनाया जा चुका है, ऐसे में आशंका है कि ये आत्मघाती हमला भी उन्हें निशाना बनाने के लिए किया गया हो। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी टकोर ने कहा कि हमले की प्रकृति के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
दश्त-ए-बर्ची में पहले भी शैक्षणिक संस्थानों पर हो चुके हैं हमले
बता दें कि हजारा समुदाय पर आए दिन हमले होते रहते हैं और दश्त-ए-बर्ची में ही पिछले साल एक स्कूल के पास एक के बाद एक तीन बम धमाके हुए थे। इस हमले में लगभग 85 लोग मारे गए थे जिनमें से अधिकांश छात्राएं थीं। इसके अलावा लगभग 300 लोग घायल भी हुए थे। इससे एक साल पहले भी इसी इलाके में एक कोचिंग सेंटर पर आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें छात्रों समेत 24 लोग मारे गए थे।
कौन होते हैं हजारा लोग?
हजारा अफगानिस्तान और पाकिस्तान में रहने वाला एक अल्पसंख्यक समुदाय है और ये शिया इस्लाम को मानते हैं। अफगानिस्तान में वे तीसरे सबसे बड़े नस्लीय समूह हैं। सुन्नी बहुल अफगानिस्तान और पाकिस्तान में हजारा समुदाय पर दशकों से अत्याचार होते आ रहे हैं। तालिबान भी एक सुन्नी आतंकी संगठन है और वह भी हजारा समुदाय पर अत्याचार करता है। 1996-2001 के अपने पहले शासन में तालिबान ने सैकड़ों हजारा लोगों को मौत के घाट उतारा था।
IS भी करता है हजारा समुदाय से नफरत, लगातार बना रहा निशाना
तालिबान के साथ-साथ उसका विरोधी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) भी हजारा समुदाय से नफरत करता है और हालिया समय में समुदाय पर हुए ज्यादातर हमलों को उसी ने अंजाम दिया है। तालिबान के सत्ता में आने के बाद IS ने अफगानिस्तान में अपने हमले बढ़ाए हैं और वह अधिक सक्रिय हो गया। इससे देश में सुरक्षा की स्थिति खराब हुई है और आए दिन आतंकी हमले होते रहते हैं।