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पाकिस्तान-सऊदी अरब में NATO जैसे समझौते की क्यों हो रही है चर्चा?
सऊदी अरब और पाकिस्तान ने रक्षा समझौता किया है

पाकिस्तान-सऊदी अरब में NATO जैसे समझौते की क्यों हो रही है चर्चा?

लेखन आबिद खान
Sep 18, 2025
12:32 pm

क्या है खबर?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हाल ही में सऊदी अरब के दौरे पर थे। वहां उन्होंने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, सबसे ज्यादा चर्चा पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए एक समझौते की है। इस समझौते के तहत एक देश पर हमला दूसरे पर भी हमला माना जाएगा। आइए समझौते के बारे में विस्तार से जानते हैं।

समझौता

क्या है समझौता?

यह समझौता NATO देशों के बीच समझौते की तरह है, जिसे 'स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट' नाम दिया गया है। जिस तरह NATO के किसी देश पर हमला, पूरे NATO पर हमला माना जाता है, उसी तरह सऊदी अरब या पाकिस्तान में किसी एक पर हमला दोनों के खिलाफ हमला माना जाएगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट में तो ये भी दावा किया गया है कि इस समझौते में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का भी प्रावधान है।

बयान

समझौते पर पाकिस्तान ने क्या कहा?

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, "यह समझौता, जो दोनों देशों की अपनी सुरक्षा बढ़ाने और क्षेत्र व दुनिया में सुरक्षा एवं शांति स्थापित करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के पहलुओं को विकसित करने और किसी भी आक्रमण के विरुद्ध संयुक्त प्रतिरोध को मज़बूत करने के लिए है। समझौते में कहा गया है कि किसी भी देश के विरुद्ध किसी भी आक्रमण को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा।"

वजह

दोनों देशों में क्यों हुआ समझौता?

सऊदी अरब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स से कहा, "यह समझौता वर्षों की चर्चाओं का परिणाम है। यह किसी विशिष्ट देश या विशिष्ट घटनाओं की प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि हमारे दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक और गहन सहयोग का संस्थागत रूप है।" यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान इस समझौते के तहत सऊदी अरब को परमाणु सुरक्षा प्रदान करने के लिए बाध्य होगा? अधिकारी ने कहा, "यह एक व्यापक रक्षात्मक समझौता है, जिसमें सभी सैन्य साधन शामिल हैं।"

भारत

समझौते पर भारत ने क्या कहा?

समझौते पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को पहले से इसकी जानकारी थी। मंत्रालय ने कहा, "हमने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रणनीतिक रक्षा समझौते की रिपोर्ट्स देखी हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच पहले से मौजूद संबंधों को औपचारिक रूप देता है। हम समझौते के हमारी सुरक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की सभी क्षेत्रों में सुरक्षा को लेकर समर्पित है।"

मायने

समझौते का समय और वैश्विक घटनाक्रम बेहद अहम

ये समझौता ऐसे समय हुआ है, जब इजरायल ने हमास नेताओं को निशाना बनाकर कतर पर हमला किया था। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के फौरन बाद ये समझौता संकेत है कि सऊदी अपने सुरक्षा गठबंधनों में विविधता ला रहा है। इसके अलावा ये इस बात का भी संकेत है कि खाड़ी देश अमेरिका की पारंपरिक सुरक्षा गारंटी पर निर्भरता कम करना चाह रहे हैं।