फिलिस्तीन के समर्थन में अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन, सैकड़ों हिरासत में
इजरायल-हमास युद्ध के चलते गाजा पट्टी में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर अमेरिका में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसकी चपेट में अब विश्वविद्यालय भी आ गए हैं। अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय से शुरू हुआ फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन अब कम से कम 6 और विश्वविद्यालयों में फैल गया है। इनमें हार्वर्ड और येल जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। इस दौरान पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया है।
टेक्सास और हार्वर्ड में भी फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन
टेक्सास विश्वविद्यालय के ऑस्टिन परिसर में प्रदर्शन के बाद राज्य पुलिस के करीब 100 जवान पहुंचे और 20 छात्रों को हिरासत में लिया है। इसी तरह दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में भी फिलिस्तीन से जुड़े कार्यक्रम का आयोजन कर रहे एक छात्र को गिरफ्तार किया गया है। यहां प्रदर्शनकारी छात्रों और विश्वविद्यालय के सार्वजनिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों में झड़प भी हुई, जिसके बाद लॉस एंजिल्स पुलिस को मौके पर बुलाया गया।
हार्वर्ड में बढ़ाए गए सुरक्षा प्रबंध
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हार्वर्ड अंडरग्रेजुएट फिलिस्तीन एकजुटता समिति ने कहा कि सैकड़ों छात्रों ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के यार्ड परिसर में धावा बोल दिया और विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के एक समूह के निलंबन के खिलाफ आपातकालीन रैली निकाली और तंबू लगाए। इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश के लिए परिचय पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। ब्राउन विश्वविद्यालय, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैलिफोर्निया स्टेट पॉलिटेक्निक और मिशिगन विश्वविद्यालय में भी विरोध प्रदर्शन हुए।
अमेरिकी संसद के अध्यक्ष माइक जॉनसन को करना पड़ा विरोध का सामना
अमेरिकी संसद अध्यक्ष माइक जॉनसन ने कोलंबिया विश्वविद्यालय का दौरा किया। उन्होंने यहूदी छात्रों की रक्षा करने में विफल रहने के लिए कोलंबिया विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मिनोचे शफीक को इस्तीफा देने के लिए कहा। उन्होंने यहूदी विरोधी भीड़ पर अमेरिकी विश्वविद्यालयों पर कब्जा करने का आरोप लगाया। हालांकि, इस दौरान जॉनसन को छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। छात्रों ने उनके खिलाफ नारे लगाए और संबोधन के दौरान अपशब्द भी कहे।
नेतन्याहू ने प्रदर्शनों को भयानक बताया
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों के फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन को भयानक बताया और कहा कि उन्हें रोकने के लिए और अधिक कार्रवाई करने की जरूरत है। इस मामले पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में उन्होंने छात्रों को 'यहूदी विरोधी भीड़' कहकर संबोधित किया और उन पर प्रमुख अमेरिकी विश्वविद्यालयों पर कब्जा करने का आरोप लगाया। नेतन्याहू ने कहा, "वे लोग इजरायल के विनाश की बात कर रहे हैं। इजरायली छात्रों को वहां मारा जा रहा है।"
मामले पर व्हाइट हाउस ने क्या कहा?
नेतन्याहू की टिप्पणी अमेरिकी सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडन के हवाले से कहा कि विश्वविद्यालयों में स्वतंत्र भाषण और बहस बेहद महत्वपूर्ण हैं, इस पर रोक नहीं लगानी चाहिए। एक दूसरे बयान में व्हाइट हाउस ने विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा है कि आतंकवादी संगठनों की बयानबाजी की गूंज विशेष रूप से यहूदी लोगों के खिलाफ किए गए सबसे खराब नरसंहार के मद्देनजर घृणित है।