अमेरिका: न्यूयॉर्क में नाली के पानी में मिला पोलियो वायरस, आपातकाल घोषित
नाली के पानी में पोलियो वायरस मिलने के बाद अमेरिका के न्यूयॉर्क में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। वैक्सीनेशन की दर बढ़ाने के लिए इस आपातकाल का ऐलान किया गया है। गवर्नर कैथी होचुल ने अपने आदेश में आपातकालीन स्वास्थ्यकर्मियों, दाइयों और फार्मासिस्टों को भी पोलियो वैक्सीन लगाने का निर्देश दिया है। पोलियो वायरस के सैंपल या पोलियो के मरीजों की देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को बूस्टर खुराक लगाने का निर्देश भी दिया गया है।
लॉन्ग आइलैंड में मिला है पोलियो वायरस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पोलियो वायरस न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड की नसाउ काउंटी के नाली के पानी में पाया गया है। ये वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति से आया है या नहीं, अभी ये स्पष्ट नहीं है। स्वास्थ्य कमिश्नर मेरी बैसेट ने कहा, "पोलियो को लेकर हम कोई मौका नहीं ले सकते हैं। अगर आपको या आपके बच्चे को वैक्सीन नहीं लगी है या सभी खुराकें नहीं लगी हैं तो इस पैरालाइटिक बीमारी का खतरा वास्तविक है।"
जुलाई में न्यूयॉर्क में सामने आया था पोलिया का मामला
बता दें कि न्यूयॉर्क में जुलाई में पोलियो वायरस से संक्रमण का एक मामला भी सामने आया था। तब रॉकलैंड काउंट में एक व्यक्ति को इस वायरस से संक्रमित पाया गया था। यह अमेरिका में लगभग एक दशक बाद पोलियो का पहला मामला था और इससे पहले आखिरी मामला 2013 में पकड़ में आया था। ये मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने अन्य संदिग्ध मामलों को पकड़ने के लिए कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया था।
जून में लंदन और कोलकाता में भी मिला था पोलियो वायरस
न्यूयॉर्क से पहले जून में ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भी गटर में पोलियो वायरस मिला था। पिछले दो दशक में ये पहली बार था जब ब्रिटेन में पोलियो वायरस पाया गया और 2003 में ही ब्रिटेन को पोलियो मुक्त देश घोषित किया जा चुका है। इसके बाद भारत के कोलकाता में भी नाले के पानी में पोलियो वायरस मिला था। यह वायरस पोलियो का टाइप-1 वायरस था। भारत को 2014 में पोलियो मुक्त घोषित किया जा चुका है।
क्या होता है पोलियो?
पोलियो 'पोलियोमेलाइटिस वायरस' के कारण होता है। यह एक गंभीर, जानलेवा और अक्षम करने वाली बीमारी है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है और रीढ़ की हड्डी को संक्रमित कर लकवे का कारण बनता है। संक्रमित लोगों में केवल फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, 100 मरीजों में एक मरीज में लक्षण गंभीर हो जाते हैं और उन्हें लकवा मार जाता है। कुछ मरीजों की मौत भी हो जाती है।
1988 के बाद 99 प्रतिशत कम हुए पोलियो के मामले
पोलियो एक समय बड़ी महामारी थी, लेकिन 1950 के दशक में वैक्सीन बनने के बाद इसके मामलों में गिरावट आनी शुरू हो गई। 1988 के बाद से पोलियो वायरस के मामले 99 प्रतिशत कम हो चुके हैं। अमेरिका में तो 1950 और 60 के दशक से ही पोलियो के मामले घट रहे हैं। अमेरिका में पोलियो के प्राकृतिक प्रसार का आखिरी मामला 1979 में आया था। अभी मात्र पाकिस्तान और अफगानिस्तान ऐसे देश हैं यहां पोलियो पाया जाता है।