पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा- हमारे पास चुनाव करवाने के लिए भी पैसा नहीं
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के पास अब देश में चुनाव कराने के लिए भी पैसे नहीं है। ये बात पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कही है। अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के एक कार्यक्रम में पूछे गये सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए आसिफ ने कहा कि वित्त मंत्रालय के पास चुनाव कराने के लिए कुछ फंड भी नहीं बचा है, वे बीते साल नवंबर से आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
पैसे के साथ सुरक्षा को लेकर भी जताई चिंता
आसिफ के मुताबिक, चुनाव के लिए मतदान केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षा की अनुपलब्धता भी बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, "इस समय हमारी सेना आंतरिक और बाहरी खतरों से निपट रही है। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की तैनाती में लगभग एक महीने का समय लगता है, जो बड़ी चुनौती है।" आसिफ का यह बयान चुनाव आयोग के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें आयोग ने पंजाब में होने वाले प्रांतीय चुनाव को स्थगित करने का आदेश दिया है।
चुनाव टालने का बहाना है आसिफ का बयान?
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की विधानसभाओं को जनवरी में भंग कर दिया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 90 दिनों के भीतर इन प्रांतों में चुनाव कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के मुताबिक अप्रैल और मई में चुनाव होने चाहिए थे, लेकिन चुनाव आयोग ने अक्टूबर तक चुनाव टाल दिए हैं। इमरान खान भी जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। आसिफ के इस बयान को चुनाव टालने के नजरिए से देखा जा रहा है।
आसिफ ने इमरान पर भी लगाए आरोप
आसिफ ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) चीफ इमरान खान पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इमरान ने पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल बढ़ाया और बाद में बाजवा पर ही सत्ता से बाहर करने के आरोप लगाए। उन्होंने प्रांतों की विधानसभा को भंग करने के फैसले को असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा, "इमरान हर दिन नए संकट पैदा कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनसे निपट रही है और पाकिस्तान जल्द ही इन सभी संकटों से बाहर आ जाएगा।"
IMF से मदद के इंतजार में है पाकिस्तान
पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से आर्थिक मदद के लिए महीनों से इंतजार कर रहा है। फरवरी में IMF के प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान का दौरा किया था, लेकिन फंड को लेकर कई शर्तें रख दी थीं। इसके बाद पाकिस्तान उन शर्तों पर अमल करने में जुटा हुआ है। राजकोषीय घाटा कम करने के लिए पाकिस्तान ने कई कदम उठाए हैं, आम जनता पर टैक्स भी बढ़ाया गया है और जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली कई सुविधाओं में कटौती की गई है।
पाकिस्तान में बढ़ता जा रहा है आर्थिक संकट
पाकिस्तान में महंगाई दर 31 फीसदी तक पहुंच चुकी है। देश की मुद्रा में पिछले 12 महीनों में लगभग 65 फीसदी की गिरावट आई है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार कम हो रहा है। हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घोषणा की थी कि सरकार ग्राहकों से ईंधन के लिए ज्यादा पैसे वसूलने का काम करेगी। जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल गरीबों को सब्सिडी देने के लिए किया जाएगा।