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    म्यांमार की सेना 6,000 कैदियों को रिहा करेगी, जानिए क्या होगी सू की रिहाई
    म्यांमार की सेना 6,000 कैदियों को करेगी रिहा

    म्यांमार की सेना 6,000 कैदियों को रिहा करेगी, जानिए क्या होगी सू की रिहाई

    लेखन भारत शर्मा
    Jan 04, 2025
    05:18 pm

    क्या है खबर?

    म्यांमार की संकटग्रस्त जुंटा सैन्य सरकार ने शनिवार को कहा कि वह देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में वार्षिक माफी के तहत लगभग 6,000 कैदियों को रिहा करेगी।

    इनमें निर्वासित किए जाने वाले 180 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने इन कैदियों को माफी प्रदान की है।

    हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि 2021 के तख्तापलट के बाद से हिरासत में रखी गईं आंग सान सू की रिहा होंगी या नहीं।

    शर्त

    क्या रखी गई है वार्षिक माफी की शर्त?

    बता दें कि विभिन्न आपराधिक आरोपों में दोषी सू की को 27 साल जेल की सजा मिली थी।

    इधर, वार्षिक माफी की शर्ताें में कहा गया है कि रिहा होने के बाद दोबारा अपराध करने पर बंदी को मूल सजा के साथ-साथ नई सजा भी भुगतनी होगी।

    बता दें, म्यांमार में छुट्टियों और महत्वपूर्ण अवसरों पर सामूहिक रूप से कैदियों को रिहा करने की परंपरा है। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर 9,000 से ज्यादा कैदियों को रिहा किया गया था।

    राहत

    144 कैदियों की आजीवन करावास की सजा को भी कम किया

    सरकारी MRTV टेलीविजन के अनुसार, वार्षिक माफी के तहत 144 कैदियों की आजीवन कारावास की सजा को घटाकर 15 वर्ष कर दिया गया है।

    इसी तरह अन्य सभी कैदियों की कुल सजा का छठा हिस्सा कम किया गया है।

    हालांकि, उन कैदियों की सजा में कोई रियायत नही दी गई है, जिन्हें सैन्य विरोधियों के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले विशिष्ट कानूनों के तहत दोषी ठहराया गया है। सू की पर भी इसी तरह के कुछ कानून लगे हैं।

    तख्तापलट

    म्यांमार में 2021 में हुआ था तख्तापलट

    राजनीतिक कैदियों के लिए सहायता एसोसिएशन के अनुसार, 2021 में हुए तख्तापलट के बाद राजनीतिक आरोपों में 28,096 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से 21,499 लोग अभी भी हिरासत में हैं।

    समूह ने इस अवधि के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा कम से कम 6,106 नागरिकों की मौत की रिपोर्ट दी है।

    बता दें कि म्यांमार को 4 जनवरी, 1948 को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी।

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