
#NewsBytesExplainer: इजरायल-ईरान युद्ध का तेल की कीमतों समेत किन-किन चीजों पर पड़ सकता है असर?
क्या है खबर?
इजरायल और ईरान में पूर्ण युद्ध शुरू हो गया है। इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया तो जवाब में ईरान ने इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें दागीं।
पहले से ही तनाव से जूझ रहे मध्य-पूर्व में ये युद्ध का नया मोर्चा है। इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ना तय है। युद्ध के पहले दिन ही यूरोप के शेयर बाजार में भारी गिरावट हुई।
आइए जानते हैं युद्ध का क्या असर हो सकता है।
कच्चा तेल
कच्चे तेल की कीमतें बढ़ीं
युद्ध के पहले दिन ही अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 9 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 6 डॉलर से ज्यादा का इजाफा हुआ है और वो 78 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई हैं। ये 5 महीने का सबसे उच्चतम स्तर है।
हालांकि, अभी तक इजरायल ने ईरान के तेल ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है, लेकिन बढ़ते तनाव के बीच इसकी आशंका जताई जा रही है।
व्यापार
बाधित हो सकता है समुद्री व्यापार
आशंका है कि हमलों के बाद ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण रास्ता है, क्योंकि यहां से दुनिया का लगभग 20 प्रतिशत तेल जाता है।
अगर ईरान ऐसा करता है तो जहाजों से सामान भेजने और बीमा कराने का खर्च बढ़ जाएगा, जिसका असर पूरी दुनिया पर दिखाई देगा। इससे न सिर्फ कच्चे तेल बल्कि दूसरी भी कई चीजों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
विमान सेवा
महंगा हो सकता है हवाई सफर
मिसाइल हमलों के बीच लगभग सभी विमानन कंपनियों ने ईरान के ऊपर से उड़ान भरना बंद कर दिया है। विमान लंबा रास्ता तय कर रहे हैं, जिससे सफर के समय के साथ-साथ ईंधन की खपत भी बढ़ रही है। इसका असर हवाई यात्रा की बढ़ती कीमतों के तौर पर सामने आ सकता है।
हाल ही में एयर इंडिया की मुंबई-लंदन फ्लाइट 3 घंटे हवा में रहने के बाद वापस भारत लौट आई।
अर्थव्यवस्था
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खतरा
कोरोना वायरस महामारी से उभरने की कोशिश कर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था फिलहाल रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका के टैरिफ से जूझ रही है।
शुक्रवार को अमेरिका का S&P 500 1.1 प्रतिशत गिर गया। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1.8 प्रतिशत और नैस्डैक100 में 1.3 प्रतिशत की गिरावट आई। 10-वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड भी 5 बेसिस पाइंट बढ़कर 4.41 प्रतिशत हो गई है।
इसके अलावा जर्मनी, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों के प्रमुख शेयर बाजारों में भी गिरावट हुई।
सोना
सोने की कीमतों पर भी असर
अनिश्चितता के समय सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन ईरान-इजरायल संघर्ष का इसकी कीमतों पर भी असर पड़ा है।
13 जून को स्पॉट गोल्ड की कीमत 1.2 प्रतिशत बढ़कर 3,423.30 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है। वहीं, अमेरिकी सोना वायदा 1.2 प्रतिशत बढ़कर 3,444.50 डॉलर पर पहुंच गया है। ये 2 महीने का उच्चतम स्तर है।
KCM ट्रेड के टिम वाटरर ने रॉयटर्स से कहा, "अगर संघर्ष में वृद्धि हुई तो कीमतें और बढ़ सकती हैं।
भारत
भारत पर क्या होगा असर?
भारत पर सबसे बड़ा असर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के तौर पर पड़ सकता है। भारत अपनी जरूरत का करीब 80 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है।
अगर होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हुआ तो दूसरी चीजों की कीमतें भी बढ़ेंगी।
भारतीय यात्रियों के लिए हवाई सफर महंगा हो सकता है।
अगर संघर्ष बढ़ा तो बड़ा जोखिम भारतीय कामगारों पर भी हैं। बड़ी संख्या में इजरायल और ईरान में भारतीय कामगार रहते हैं।