
#NewsBytesExplainer: ईरान की हाइपरसोनिक 'फत्ताह-1' मिसाइल कितनी घातक है?
क्या है खबर?
ईरान और इजरायल ने लगातार 5वें दिन एक-दूसरे पर हमले किए हैं। इस दौरान ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा कि उसने इजरायल पर 'फत्ताह-1' हाइपरसोनिक मिसाइल दागी है।
यह मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो अपनी गति, सटीकता और स्वदेशी तकनीक के लिए जानी जाती है। इसे 2023 में ईरानी सेना में शामिल किया गया था।
आइए इस मिसाइल के बारे में जानते हैं।
मिसाइल
कैसी है 'फत्ताह-1' मिसाइल?
'फत्ताह-1' ईरान की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल है। जून, 2023 में इसे पहली बार दुनिया के सामने पेश किया गया था और 2024 में इजरायल पर हमले में इसका इस्तेमाल हुआ था।
हाइपरसोनिक का मतलब होता है ध्वनि की गति से 5 गुना या उससे ज्यादा तेज गति। ये कम से कम 6,100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लक्ष्य की ओर बढ़ती है।
यह मिसाइल जमीन से जमीन पर वार करने वाली है।
बनावट
कैसी है मिसाइल की बनावट?
फत्ताह-1 मिसाइल 11.5 मीटर लंबी और 4,000 किलोग्राम वजनी है। यह सोलिड ईंधन पर चलती है और सिंगल-स्टेज प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग करती है।
ईरान का दावा है कि ये 400 सेकंड मे इजरायल तक पहुंच सकती है।
2023 में मिसाइल की लॉन्चिंग के वक्त ईरान ने कहा था कि ये अधिकतम 15 मैक की गति से उड़ान भर सकती है। अगर ईरान का ये दावा सही है तो मिसाइल एक घंटे में 18,500 किलोमीटर दूर जा सकती है।
खासियत
क्या है 'फत्ताह-1' मिसाइल की खासियत?
मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत इसकी गति है। अपने तेज गति के चलते ये राडार को आसानी से चकमा दे सकती है। यही वजह है कि ये इजरायल के आयरन डोम और दूसरे वायु रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम है।
ये अपने साथ पारंपरिक हथियारों के अलावा परमाणु हथियार भी ले जाने में सक्षम है। ये हवा में ही अपनी दिशा भी बदल सकती है। ईरान का दावा है कि 'फत्ताह-1' की रेंज 1,400 किलोमीटर है।
खतरनाक
कितनी खतरनाक है मिसाइल?
यह मिसाइल वायुमंडल के अंदर और बाहर अपने अनियमित उड़ान पथ के चलते रडार और डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है।
इस मिसाइल में उन्नत नेविगेशन सिस्टम और सटीक गाइडेंस तकनीक है। यह 10 मीटर के दायरे में अपने लक्ष्य को भेद सकती है, जो इसके सटीक हमले की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
यह अपने साथ 460 किलोग्राम तक का विस्फोटक ले जा सकती है, जो इसे भारी नुकसान पहुंचाने में सक्षम बनाता है।
इजरायल
इजरायल इन मिसाइलों को रोक क्यों नहीं पा रहा है?
इजरायल अपनी आयरन डोम, ऐरो और डेविड स्लिंग जैसी वायु रक्षा प्रणालियों के लिए जाना जाता है। हालांकि, ये वायु रक्षा प्रणालियां भी हाइपरसोनिक मिसाइलों को रोकने में सक्षम नहीं है।
दरअसल, बैलिस्टिक मिसाइलें लंबे समय तक हवा में रहती हैं, इसलिए इन्हें ट्रैक किया जा सकता है।
वहीं, हाइपरसोनिक मिसाइलें अपनी गति के चलते कम समय के लिए हवा में रहती हैं। इसलिए इन्हें निष्क्रिय करना काफी मुश्किल होता है।
युद्ध
इजरायल-ईरान के बीच 5 दिन से युद्ध जारी
13 जून को इजरायल ने ईरान के खिलाफ ऑपरेशन रायजिंग लॉयन शुरू किया था। तब से इजरायल लगातार ईरान पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है, जिसमें करीब 500 लोग मारे गए हैं। इनमें परमाणु वैज्ञानिक और शीर्ष सैन्य कमांडर भी शामिल हैं।
जवाब में ईरान ने तेल अवीव समेत कई इजरायली शहरों पर मिसाइलें दागी हैं। ईरान ने मोसाद के मुख्यालय और कई रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया है।