क्या H-1B वीजा नियमों में ढील देंगे ट्रंप? बोले- अमेरिका में नौकरियों के लिए प्रतिभा नहीं
क्या है खबर?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को यह कहकर चौंका दिया कि उनके देश में नौकरियों के लिए प्रतिभाशाली लोग नहीं हैं। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका के पास घरेलू स्तर पर आवश्यक नौकरियों को भरने के लिए प्रतिभाशाली श्रमिक नहीं हैं। इस दौरान उन्होंने H1-B कुशल श्रमिक वीजा कार्यक्रम का बचाव किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से बेरोजगार अमेरिकियों को बिना प्रशिक्षण विनिर्माण और रक्षा जैसी जटिल भूमिकाओं में नहीं लगा सकते।
जवाब
क्या बोले ट्रंप?
ट्रंप से साक्षात्कार में पूछा गया कि क्या उनका प्रशासन H1-B वीजा में कटौती करेगा, क्योंकि उन्हें चिंता है कि इससे अमेरिकी श्रमिकों के वेतन में कमी आएगी। इसपर ट्रंप ने जवाब दिया, "मैं सहमत हूं, लेकिन आपको प्रतिभा लानी होगी, जो हमारे पास नहीं हैं। हमारे पास कोई ख़ास प्रतिभा नहीं है। लोगों को सीखना होगा। आप लोगों को बेरोजगारी की कतार से हटाकर यह नहीं कह सकते कि मैं तुम्हें ऐसी फैक्ट्री में डालूंगा जहां हम मिसाइलें बनाएंगे।"
वीजा
ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा का बढ़ाया है शुल्क
ट्रंप ने सितंबर में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे H-1B वीजा के लिए शुल्क 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) हो गई है। यानी जब तक H-1B वीजा धारक ये शुल्क जमा नहीं करेंगे, तब तक वे अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। पहले ये शुल्क करीब 6 लाख रुपये था। यह आदेश 21 सितंबर से लागू हुआ है। हालांकि, वीजा के नवीनीकरण पर यह शुल्क नहीं लगेगा। यह केवल नए वीजा पर लागू होगा।
मायने
ट्रंप के बयान के क्या है मायने?
राष्ट्रपति ट्रंप के इस बयान के काफी मायने निकाले जा रहे हैं क्योंकि H-1B वीजा का शुल्क आव्रजन पर नकेल कसने और देश में आने वाले विदेशियों पर नई पाबंदियां लगाने के लिए बढ़ाया गया था। ट्रंप के बयान के बाद संभावना जताई जा रही है कि वीजा शुल्क बढ़ाने का फैसले पर प्रशासन नए सिरे से विचार कर सकता है। बता दें, H-1B वीजा 3 साल के लिए वैध होता है और 3 साल के नवीनीकृत किया जाता है।