
H-1B वीजा शुल्क पर आई स्पष्टता, जानिए किसे देना होगा और किसे मिलेगी छूट
क्या है खबर?
अमेरिका के नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) ने H-1B वीजा मानदंडों में बदलाव पर और अधिक स्पष्टीकरण जारी कर दिया है। इससे हजारों भारतीय तकनीकी पेशेवरों को बड़ी राहत मिली है। अमेरिकी प्रशासन की ओर से वीजा शुल्क में किए गए परिवर्तन पर नया अपडेट जारी किया है। इसमें स्पष्ट तोर पर बताया गया है कि 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) के नए H-1B वीजा शुल्क के अंतर्गत कौन आएंगे और किसे इससे छूट दी जाएगी।
वीजा
क्या होता है H-1B वीजा?
H-1B वीजा एक गैर-अप्रवासी वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां दक्ष कर्मचारियों को नौकरियां देती हैं। ये तकनीकी, वैज्ञानिक और व्यावसायिक विशेषज्ञता वाले पेशेवरों को दिया जाता है। ये वीजा 3 साल के लिए होता है और इसे 3 साल के लिए रिन्यू किया जा सकता है। हर साल लाखों लोग इसके लिए आवेदन करते हैं, लेकिन लॉटरी के जरिए केवल 65,000 पेशेवरों और 20,000 उच्च शिक्षित लोगों को ही ये मिलता है।
नियम
अमेरिका ने H-1B वीजा को लेकर क्या नियम बदले हैं?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए शुल्क 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) कर दिया है। यानी जब तक H-1B वीजा धारक ये शुल्क जमा नहीं करेंगे, तब तक वे अमेरिका में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। पहले ये शुल्क करीब 6 लाख रुपये था। यह आदेश 21 सितंबर से लागू हो गया। हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वीजा के नवीनीकरण पर यह शुल्क नहीं लगेगा। यह केवल नए वीजा पर लागू होगा।
शुल्क
नए वीजा कानून के तहत किसे देना होगा शुल्क?
नागरिकता एवं आव्रजन एजेंसी ने 20 अक्टूबर को जारी ताजा दिशा-निर्देशों में कहा कि नया शुल्क उन आवेदकों पर लागू नहीं होगा जिन्होंने 21 सितंबर से पहले या बाद में वीजा स्थिति में परिवर्तन या प्रवास विस्तार की मांग के लिए आवदेान किया है। हालांकि, अगर USCIS आवेदन की जांच के बाद यह निर्धारित करता है कि वह व्यक्ति स्थिति परिवर्तन, संशोधन या प्रवास विस्तार के लिए अयोग्य है, तो उसे यह शुल्क देना होगा।
अन्य
इन्हें भी देना होगा शुल्क
USCIS के अनुसार, जिन श्रमिकों के पास वैध H-1B वीजा नहीं है, जो अमेरिका में श्रमिकों के लिए प्रवेश बंदरगाह की अधिसूचना चाहते हैं, या ऐसे मामले में जहां आवेदक की स्थिति में परिवर्तन और विस्तार के लिए याचिका रद्द कर दी गई है, उन्हें 88 लाख रुपये का शुल्क देना होगा। यह शुल्क उन पर भी लागू होगा, जिन्होंने अमेरिका में किसी विदेशी के लिए कांसुलर अधिसूचना, प्रवेश बंदरगाह अधिसूचना या उड़ान-पूर्व निरीक्षण का अनुरोध किया है।
छूट
इन्हें मिलेगी शुल्क से छूट
USCIS के अनुसार, पहले से ही वैध H-1B वीजा रखने वालों को बढ़ा हुआ शुल्क नहीं देना होगा। इसी तरह 21 सितंबर, 2025 से पहले वीजा में संशोधन, स्थिति में बदलाव या अमेरिका में रहने की अवधि बढ़ाने के संबंध में आवेदन करने वाले वो आवेदक, जिनके आवेदनों को जांच के बाद स्वीकृति मिल चुकी है, उन्हें भी शुल्क से छूट दी जाएगी। नए नियम मौजूदा H-1B वीजा धारकों को अमेरिका में आने-जाने से नहीं रोकते हैं।
जानकारी
नियम लागू होने के बाद अमेरिका छोड़ने पर भी नहीं लगेगा शुल्क
USCIS ने स्पष्ट किया है कि नए विजा नियम लागू होने के बाद अमेरिका छोड़ने, स्वीकृत याचिका के आधार पर वीजा के लिए आवेदन करने या वर्तमान H-1B वीजा पर दोबारा अमेरिका आने वालों को भी भुगतान से छूट दी जाएगी।
राहत
भारतीयों के कैसे है राहत की बात?
USCIS की ओर से जारी किया गया यह स्पष्ट्रीकरण भारतीय तकनीकी कर्मचारियों और तकनीकी कंपनियों के लिए बड़ी राहत देने वाला है। इसका कारण है कि वर्तमान में 71 प्रतिशत से अधिक भारतीय कर्मचारियों को H-1B वीजा मिले हैं। ऐसे में आदेश जारी होने के समय उनके देश से बाहर होने के बाद भी उन्हें नया शुल्क नहीं देना होगा। ऐसे में कंपनियों को भी कर्मचारियों की कमी से नहीं जूझना पड़ेगा और उनके कर्मचारी बिना परेशानी अमेरिका लौट सकेंगे।