यूक्रेन को NATO सदस्यता नहीं, रूस की G-7 में वापसी; ट्रंप के शांति प्रस्ताव की बड़ी बातें
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि वे पद संभालने के कुछ ही दिनों के भीतर रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कर देंगे। हालांकि, कई बैठकों के बाद अभी तक युद्ध खत्म नहीं हुआ है। अब ट्रंप ने शांति लाने के लिए 28 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है, जिसे यूक्रेन और रूस के साथ चर्चा के बाद बनाया गया है। आइए जानते हैं ट्रंप के इस प्रस्ताव में क्या-क्या है।
यूक्रेन
यूक्रेन को मिलेगी अमेरिकी सुरक्षा गारंटी
प्रस्ताव में कहा गया है कि यूक्रेन की संप्रभुता की रक्षा की जाएगी। रूस, यूक्रेन और यूरोप के बीच एक व्यापक समझौता होगा और बीते 30 साल के सभी विवादों को सुलझा हुआ माना जाएगा। वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करने और सहयोग को बढ़ाने के लिए अमेरिका की मध्यस्थता में रूस और NATO के बीच वार्ता होगी। यूक्रेन को विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी प्राप्त होगी। एक अमेरिकी अधिकारी ने एक्सियोस को बताया कि यह अमेरिका की ओर से स्पष्ट सुरक्षा गारंटी होगी।
NATO
NATO में शामिल नहीं होगा यूक्रेन
प्रस्ताव के मुताबिक, यूक्रेन अपने संविधान में यह प्रावधान करने पर सहमत हुआ है कि वह NATO में शामिल नहीं होगा। NATO भी अपने संविधान में यह प्रावधान शामिल करेगा कि यूक्रेन को भविष्य में इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही NATO देश यूक्रेन में कभी भी सैनिक तैनात नहीं करेंगे। प्रस्ताव का ये बिंदू बेहद अहम है, क्योंकि व्लादिमीर पुतिन लंबे समय से ये मांग करते रहे हैं।
पुनर्निर्माण
यूक्रेन को पुनर्निर्माण के लिए मिलेगा पैकेज
युद्ध से बर्बाद हुए यूक्रेन को पुनर्निर्माण के लिए पैकेज मिलेगा। इसमें प्रौद्योगिकी, डेटा सेंटर और AI सहित तेजी से बढ़ते उद्योगों में निवेश करने के लिए विकास कोष का निर्माण, पाइपलाइनों और भंडारण सुविधाओं सहित यूक्रेन की गैस अवसंरचना का पुनर्निर्माण शामिल है। इसके अलावा शहरों और आवासीय क्षेत्रों की बहाली, पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण के लिए युद्ध प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्वास। इसके लिए विश्व बैंक एक विशेष वित्तपोषण पैकेज विकसित करेगा।
रूस
रूस पर से भी हटेंगे प्रतिबंध
प्रस्ताव के तहत, रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था में पुनः एकीकृत किया जाएगा और प्रतिबंध हटाए जाएंगे। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से हर मुद्दे पर चर्चा की जाएगी और सहमति बनाई जाएगी। इसके अलावा रूस को G-7 में शामिल किया जाएगा। रूस पहले भी इस समूह का हिस्सा था, लेकिन 2014 में क्रीमिया पर हमले के बाद रूस को समूह से निकाल दिया गया था। दोबारा समूह में आने से रूस को वैश्विक मान्यता मिलेगी।
इलाके
कब्जे वाले इलाकों का क्या होगा?
क्रीमिया, लुहान्स्क और डोनेट्स्क को अमेरिका सहित सभी देशों द्वारा रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता दी जाएगी। खेरसॉन और जापोरीज्जिया में जहां अभी जिसकी सेनाएं हैं, उसे वास्तविक मान्यता दी जाएगी। रूस इन 5 क्षेत्रों के बाहर अपने नियंत्रण वाले अन्य क्षेत्रों को छोड़ देगा। यूक्रेनी सेनाएं डोनेट्स्क ओब्लास्ट के उस हिस्से से हटेंगी, जहां फिलहाल उसका कब्जा है। इस क्षेत्र को बफर जोन माना जाएगा। फिलहाल इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस के स्वामित्व वाला क्षेत्र माना जाता है।
प्रस्ताव
प्रस्ताव पर यूक्रेन ने क्या कहा?
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वह इस मामले पर ट्रंप के साथ बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं आने वाले दिनों में अपने अमेरिकी समकक्ष से मौजूदा राजनयिक अवसरों और शांति के लिए आवश्यक मुख्य बिंदुओं के बारे में बात करूंगा। यूक्रेन को शांति की जरूरत है और यूक्रेन हर संभव प्रयास करेगा, ताकि दुनिया में कोई यह न कह सके कि हम कूटनीति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।"