चीन की जनसंख्या लगातार दूसरे साल कम हुई, जन्म दर में भी गिरावट
क्या है खबर?
चीन लगातार जनसांख्यिकी संकट से जूझ रहा है। ताजा आंकड़ों से पता चला है कि चीन की जनसंख्या में लगातार दूसरे साल गिरावट आई है।
चीनी सरकार के सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि देश की जनसंख्या में 2023 में 20 लाख की कमी आई।
इसके साथ ही देश में जन्म दर भी घटी है और मृत्यु दर बढ़ गई है, जो आबादी के बूढ़ी होने का संकेत दे रहा है।
आंकड़े
क्या कहते हैं जनसंख्या से जुड़े ताजा आंकड़े?
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (NBS) के मुताबिक, 2023 के अंत तक चीन की जनसंख्या 140 करोड़ थी और 2022 की तुलना में इसमें 20.8 लाख की कमी आई है।
ये गिरावट पिछले साल के दोगुने से भी अधिक है। 2022 में चीन की जनसंख्या में 8.50 लाख की कमी आई थी।
इसके अलावा 2023 में चीन में 90.2 लाख बच्चों का जन्म हुआ, जबकि 2022 में ये आंकड़ा 95.6 लाख था।
आबादी
चीन की आबादी पर बूढ़ी होने का खतरा
2023 में चीन में होने वाली मौतों की संख्या 2022 के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा रही। बीते साल 6.90 लाख लोगों की मौत हुई। बढ़ती मृत्यु दर और घटती जन्म दर से चीन की आबादी पर बूढ़ी होने का खतरा मंडरा रहा है।
चीन की आबादी में कामकाजी युवाओं की संख्या कम हो रही है और बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। इसका असर चीन की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है, जिसने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
वजह
क्यों कम हो रही है चीन की आबादी?
चीन में जीवन यापन की बढ़ती लागत, बेरोजगारी और महंगी शिक्षा ने युवाओं का शादी और बच्चों से मोहभंग कर दिया है। बड़ी संख्या में युवा शादी न करने का फैसला कर रहे हैं।
2022 में केवल 6.83 करोड़ जोड़ों ने शादी का पंजीकरण कराया, जो पिछले एक दशक में सबसे कम है।
चीन में 35 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे युवाओं की संख्या भी बढ़ रही है, जो शादी का विचार ही त्याग चुके हैं।
अपील
अब लोगों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील कर रही सरकार
घटती जन्म दर से चिंतित सरकार ने युवाओं को शादी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें टैक्स छूट, घर खरीदने पर सब्सिडी, अतिरिक्त वेतन और नकद राशि शामिल हैं।
कई प्रांतों ने 25 साल से कम उम्र के युवाओं को शादी करने पर 1,000 युआन का इनाम देने की घोषणा की है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद कह चुके हैं कि विकास के लिए 'शादी और बच्चे पैदा करने की नई संस्कृति तैयार करना' जरूरी है।
नीति
चीन ने 2016 में खत्म की थी 'एक बच्चे की नीति'
चीन ने बढ़ती आबादी को देखते हुए 1980 में 'एक बच्चे की नीति' लागू की थी। इसके तहत देश में शादीशुदा जोड़ों को एक ही बच्चा पैदा करने की अनुमति थी।
एक से ज्यादा बच्चे होने पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ नौकरी से निकाल दिया जाता था और महिलाओं को जबरन गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया जाता था।
इस नीति के कारण आबादी घटने लगी और 2016 में इसे खत्म कर दिया गया।