
घाना से लूटी गई शाही कलाकृतियां वापस लौटाएगा ब्रिटेन, दोनों देशों में ऐतहासिक समझौता
क्या है खबर?
ब्रिटेन और घाना में एक ऐतिहासिक ऋण समझौता हुआ है। इसके तहत ब्रिटेन के संग्रहालय शताब्दियों पहले घाना से लूटे गए सोने के सिक्कों, आभूषणों और कीमती कलाकृतियों को वापस लौटाएंगे।
ये समझौता ब्रिटिश संग्रहालय और विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय ने घाना के मनहिया पैलेस संग्रहालय के साथ किया है।
समझौते में दीर्घकालिक ऋण के बदले सोने की 32 कलाकृतियों, आभूषणों और शाही संपत्तियों को वापस करने पर सहमति बनी है।
समझौता
क्या है समझौता?
समझौते के तहत ब्रिटेन के संग्रहालय घाना में 19वीं शताब्दी के दौरान किए गए सैन्य अभियान के दौरान लूटी गई वस्तुओं को वापस करेंगे।
चूंकि संग्रहालयों को इन वस्तुओं को लौटाने का सरकारी अधिकार नहीं है, इसलिए इसके बदले घाना से दीर्घकालिक ऋण लिया जा रहा है।
शुरुआत में ये 3 साल के लिए होगा, लेकिन माना जा रहा है कि इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। इन वस्तुओं को 1874 और 1895 के आसपास घाना से लूटा गया था।
वस्तुएं
किन वस्तुओं को वापस करेगा विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय?
विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय 17 कलाकृतियों को वापस कर रहा है।
इनमें सैन्य परिवार से खरीदा गया सोने का आभूषण, सोने की सोल डिस्क, एक सोने की अंगूठी, एक बाज का चित्रण करने वाला सोने का आभूषण, एक चांदी की चम्मच, एक जोड़ी चांदी की पायल और सिगार पीने वाला एक पाइप शामिल हैं।
इसके अलावा घाना के शाही महल से लूटे गए सोने की वस्तुओं के 13 टुकड़े भी वापस किए जाएंगे।
संग्रहालय
ब्रिटिश संग्रहालय से घाना को कौन-सी वस्तुएं मिलेंगी?
ब्रिटिश संग्रहालय 15 वस्तुओं को वापस कर रहा है। इनमें एक तलवार म्यान, एक अंगूठी, एक म्यान आभूषण, एक चाकू, 2 तलवारें, 2 टोपियां, 2 हार और 2 सोल डिस्क शामिल हैं।
इनमें से 4 वस्तुएं 1874-76 में और 7 वस्तुएं 1900-02 में खरीदी गई थीं और एक हार को 1942 में खरीदा गया था।
इसके अलावा एक सोने का वीणा आभूषण है, जिसे घाना के शाही परिवार ने ब्रिटेन के राजनयिक थॉमस बोडिच को उपहार में दिया था।
अहम
क्यों अहम है समझौता?
इस समझौते के लिए ब्रिटेन-घाना में 1974 से बातचीत चल रही थी। इसी साल घाना के राजमहल में हुई लूटपाट के 150 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर इन वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
घाना के संस्कृति मंत्री के विशेष सलाहकार ने BBC से कहा, "वे सिर्फ वस्तुएं नहीं हैं, इनका आध्यात्मिक महत्व है। वे राष्ट्र की आत्मा का हिस्सा हैं।"
इस समझौते से ब्रिटेन द्वारा दूसरे देशों से लूटी गई वस्तुओं की वापसी की उम्मीद बढ़ी है।
घाना
न्यूजबाइट्स प्लस
घाना में 1700 से 1900 तक अशांते साम्राज्य का राज था। यहां कई सोनें की खदाने होने के चलते ये अपनी संपन्नता के लिए मशहूर था। इसी वजह से ब्रिटेन ने यहां कई हमले किए।
1824 से 1899 तक ही ब्रिटेन ने अशांते साम्राज्य को 5 बार निशाना बनाया और कुमासी में स्थित राजमहल को आग लगा दी। ब्रिटिश अपने साथ सोना-चांदी और राजमहल की कई शाही वस्तुएं लूटकर ले गए थे।