बांग्लादेश: शेख हसीना के खिलाफ विद्रोह करने वाले छात्रों ने बनाई राजनीतिक पार्टी, क्या होगा असर?
क्या है खबर?
भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में फिर सियासी उथल-पुथल देखने को मिल रही है।
पिछले साल शेख हसीना के खिलाफ विद्रोह करने वाले छात्रों ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया है। इसका नाम जातीय नागरिक पार्टी रखा गया है, जिसका नेतृत्व नाहिद इस्लाम करेंगे।
नाहिद ने हाल ही में अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस की सरकार में सलाहकार पद से इस्तीफा दिया था। 28 फरवरी को पार्टी को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा।
पार्टी
नई पार्टी के बारे में क्या-क्या पता है?
बांग्लादेशी अखबार डेली स्टार के मुताबिक, नाहिद को पार्टी का संयोजक और अख्तर हुसैन को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा हसनत अब्दुल्ला को मुख्य आयोजक (दक्षिण), सरजिस आलम को मुख्य आयोजक (उत्तर) नसीरुद्दीन पटवारी को मुख्य समन्वयक के रूप में नामित किया गया है।
ये निर्णय नागोरिक समिति और भेदभाव विरोधी छात्रों की संयुक्त बैठक के दौरान लिए गए। 28 फरवरी को ढाका में माणिक मिया एवेन्यू में पार्टी एक भव्य रैली का आयोजन करेगी
वजह
छात्रों ने क्यों बनाई नई पार्टी?
पार्टी की शुरुआत की घोषणा करते हुए नाहिद ने कहा, "मौजूदा राजनीतिक पार्टियों की विचारधाराएं सभी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।"
छात्रों के समूह जटियो नागोरिक समिति की प्रवक्ता सामंता शेरमीन ने कहा, "जुलाई 2024 के विद्रोह के बाद बांग्लादेश में नई उम्मीदें और आकांक्षाएं पैदा हुई हैं। उन उम्मीदों और आकांक्षाओं के कारण छात्रों ने एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की पहल की है। समूह को एहसास हुआ कि मौजूदा राजनीतिक पार्टियां पर्याप्त रूप से सक्षम नहीं हैं।"
असर
नई पार्टी से बांग्लादेश की राजनीति पर क्या होगा असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि नई पार्टी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के नए युग की शुरुआत कर सकती है। यह बदलाव जमीनी स्तर के संगठनों को चुनावी राजनीति में भाग लेने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे देश में अधिक समावेशी लोकतंत्र को बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि नई पार्टी से अवामी लीग या बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) जैसी पार्टियों को प्रभुत्व कम हो सकता है और लोगों को एक तीसरा विकल्प मिल सकता है।
हसीना की वापसी
क्या हो सकती है शेख हसीना की वापसी?
हाल ही में शेख हसीना ने बांग्लादेश लौटने की बात कही थी।
राजनीतिक विश्लेषक और इलिनोइस विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली रियाज ने अल-जजीरा से कहा, "संभावित वापसी के लिए हसीना को 4 शर्तें पूरी करनी होंगी- सत्ता में अपने 16 वर्षों के दौरान किए गए अपराधों के लिए माफी मांगना, वर्तमान विचारधारा को त्यागना, सुनिश्चित करना कि हसीना के परिवार का कोई सदस्य पार्टी का नेतृत्व न करे और जघन्य अपराधों के लिए मुकदमों का सामना करना।"