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पाकिस्तान-अफगानिस्तान में तीसरे दौर की शांति वार्ता भी विफल, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पहले दौर की बातचीत के दौरान की तस्वीर

पाकिस्तान-अफगानिस्तान में तीसरे दौर की शांति वार्ता भी विफल, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

लेखन आबिद खान
Nov 08, 2025
05:20 pm

क्या है खबर?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता का तीसरा दौर भी बेनतीजा रहा। दोनों देशों के बीच 6 नवंबर को तीसरे दौर की बातचीत शुरू हुई थी। आज ये वार्ता बिना किसी समझौते के खत्म हो गई। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर गैर-जिम्मेदाराना रुख अपनाने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अब चौथे दौर की वार्ता की कोई योजना नहीं है।

पाक का बयान

आसिफ ने कहा- वार्ता अनिश्चितकालीन दौर में पहुंच गई

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री आसिफ ने जियो न्यूज से बात करते हुए कहा, "पूरी तरह से गतिरोध है। वार्ता अनिश्चितकालीन दौर में पहुंच गई है। पाकिस्तान केवल एक औपचारिक, लिखित समझौते को ही स्वीकार करेगा, लेकिन वे मौखिक आश्वासन करना चाहते थे, जो अंतरराष्ट्रीय वार्ता में संभव नहीं है। हमारी एकमात्र मांग यह है कि अफगानिस्तान यह सुनिश्चित करे कि उसकी धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान पर हमलों के लिए नहीं किया जाए।"

चेतावनी

रक्षा मंत्री आसिफ ने तालिबान को दी चेतावनी

आसिफ ने कहा, "अगर अफगानिस्तानी धरती से कोई हमला होता है, तो हम उसका जवाब देंगे। जब तक कोई आक्रमण नहीं होगा, युद्धविराम बरकरार रहेगा।" पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने लिखा, 'पाकिस्तान अफगान लोगों के प्रति कोई दुर्भावना नहीं रखता। हालांकि, हम ऐसे किसी भी कदम का समर्थन नहीं करेंगे, जो अफगान लोगों और पड़ोसी देशों के हितों के लिए हानिकारक हो। पाकिस्तान अपने लोगों और संप्रभुता की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी विकल्पों का इस्तेमाल करता रहेगा।"

तालिबान

तालिबान ने भी कहा- हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा

तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, "हमें लगा पाकिस्तान व्यावहारिक और लागू करने लायक शर्तें रखेगा, जिससे समस्या का हल निकाला जा सके। उसने सारी जिम्मेदारी हम पर डालने की कोशिश की और खुद कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हुआ। उनका रवैया गैर-जिम्मेदाराना रहा। पाकिस्तानी लोग हमारे भाई और दोस्त हैं, लेकिन किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।"

पिछली वार्ता

पिछली वार्ता में क्या हुआ था?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तुर्की में 25 से 30 अक्टूबर तक दूसरे दौर की वार्ता हुई थी। इसमें भी किसी बड़े मुद्दे पर सहमति नहीं बनी थी। बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में दोनों देशों ने कहा था कि दोनों पक्ष युद्धविराम बनाए रखने तथा शांति सुनिश्चित करने के लिए निगरानी और सत्यापन तंत्र स्थापित करने और किसी भी उल्लंघन पर दंड देने पर सहमत हुए हैं। इससे पहले कतर में दोनों देशों में वार्ता हुई थी।

युद्ध

पाकिस्तान-अफगानिस्तान में क्या है विवाद?

पाकिस्तान का कहना है कि तालिबान सरकार तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे समूहों को पनाह दे रही है, जो पाकिस्तान में हमले करता है। हालिया समय में पाकिस्तान में ऐसे हमले बढ़ने के बाद उसने 9 अक्टूबर को काबुल पर हमला किया था। इसके बाद तालिबान ने भी जवाबी कार्रवाई की। नुकसान को लेकर दोनों ने अलग-अलग दावे किए। 15 अक्टूबर को दोनों देशों में पहली बार 48 घंटे का युद्धविराम लागू हुआ था।