अफगानी सैनिकों के ब्रिटेन में बसने के आवेदनों को किया गया खारिज, जानें क्या है मामला
तालिबान के सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान में ब्रिटिश सेना का लड़ाई में साथ देने वाले अफगानी सैनिकों को ब्रिटेन में बसने का रोका गया है। कुछ लीक दस्तावेजों से पता चलता है कि विशेष बलों ने ब्रिटिश सेना के साथ सेवा के कुछ ठोस सबूत होने के बावजूद अफगानी सैनिकों के ब्रिटेन बसने के आवेदनों को खारिज कर दिया। दूसरी ओर ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह मामले की जांच कर रहा है।
क्या अफगानी सैनिकों को ब्रिटेन में पुर्नवास का अधिकार?
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त, 2021 में तालिबान के सत्ता में आने से पहले अफगान विशेष बल इकाइयों CAF 333 और ATF 444, जिन्हें 'ट्रिपल्स' के नाम से जाना जाता है, उन्होंने तालिबान के खिलाफ लड़ाई में ब्रिटेन का साथ दिया था। ये अफगान पुनर्वास और सहायता नीति (ARP) योजना के तहत ब्रिटेन में पुनर्वास के लिए आवेदन करने के पात्र थे, लेकिन अफगानी सैनिकों के आवेदन खारिज कर दिए गए। उन्हें अब तालिबान द्वारा मारा जा रहा है।
क्यों मंत्रालय ने आवेदनों पर नहीं लिया निर्णय?
एक खोजी वेबसाइट लाइटहाउस द्वारा साझा किए कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि ब्रिटेन के विशेष बलों ने अफगानी सैनिकों के आवेदनों को अयोग्य माना और मंत्रालय को अस्वीकृति पत्र भेजा था। दरअसल, रक्षा मंत्रालय की पुनर्वास योजना के तहत विशेष बलों की अस्वीकृति के बाद आवेदनों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, मंत्रालय द्वारा विशेष बलों को भेजे गए ईमेल में कहा गया था कि अफगानी सैनिक पुनर्वास के हकदार हैं।
ब्रिटिश विशेष बलों पर क्या लग रहे हैं आरोप?
ब्रिटेन के एक पूर्व विशेष बल अधिकारी ने कहा कि वीटो ने विशेष बलों को ऐसे समय में पुनर्वास आवेदनों पर निर्णय लेने की शक्ति दी, जब ब्रिटेन में विशेष बलों द्वारा अफगानिस्तान में किए युद्ध अपराध के आरोपों की सार्वजनिक जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि अफगानी सैनिक ब्रिटेन आते तो उन्हें गवाह बनने की कहा जा सकता था और ऐसा लगता है कि ब्रिटिश विशेष बल अपने अफगान ट्रैक रिकॉर्ड को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
ब्रिटिश सेना के साथ देने वाले अफगानी सैनिकों ने क्या कहा?
ब्रिटिश सेना के साथ करने वाले अफगानी सैनिक ने बताया कि अफगानिस्तान से भागने से पहले तालिबान ने उन्हें प्रताड़ित किया था और कुछ तालिबानी उनकी तलाश के लिए उनके घर पर भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि ट्रिपल्स में काम करने वाले सभी बुरी स्थिति में हैं और छिपे हुए हैं और वह अपने परिवार से साथ नहीं रह सकते। उनका आरोप है कि सालों तक सेवा देने के बाद भी उन सभी नरक में अकेला छोड़ दिया गया।
बिट्रिश मंत्री ने मामले में क्या कहा?
बिट्रिश सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हेप्पी ने संसद में कहा कि कुछ पुनर्वास आवेदनों की अस्वीकृतियों के पीछे निर्णय लेने की प्रक्रिया मजबूत नहीं थी, लेकिन अधिकांश आवेदनों में जानकारियां नहीं दी गई, जैसे आवेदकों को देनी होती है। रिपोर्ट के अनुसार, पुर्नवास आवदेन की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) से पता चलता है कि 2023 में जिन अफगानी सैनिकों के आवेदन खारिज हुए उन्होंने ब्रिटिश विशेष बलों द्वारा किए गए युद्ध अपराधों को रिपोर्ट किया था।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने क्या उठाया कदम?
इस बीच ब्रिटेन में अफगानी सैनिकों की ओर से वकील एरिन अलकॉक ने कहा कि पुनर्वास आवदेन में तालिबान के खिलाफ चलाए ऑपरेशन में साथ होने के पर्याप्त सबूत देने के बाद भी ब्रिटिश विशेष बल ने आवेदन खारिज किए हैं। अब रक्षा मंत्रालय ने पुर्नवास योजना के लिए 2023 में खारिज हुए अब लगभग 2,000 आवेदनों की समीक्षा की घोषणा की है और सभी आवेदनों को स्वतंत्र जांच के बाद उन्हें अनुमोदन के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।