
पाकिस्तान: TTP के हमले में 12 सैनिकों की मौत, सेना ने कहा- 35 आतंकवादी भी ढेर
क्या है खबर?
पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी इलाके में आज तड़के तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाकों ने सेना की बस पर घात लगाकर हमला कर दिया। इसमें पाकिस्तानी सेना के 12 सैनिक मारे गए हैं। एक स्थानीय अधिकारी ने AFP को बताया कि दक्षिणी वजीरिस्तान में सुबह करीब 4 बजे काफिले पर हमला हुआ, जब हथियारबंद लोगों ने दोनों तरफ से भारी हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में 4 सैनिक घायल हो गए और हमलावर हथियार भी लूटकर ले गए।
सेना
सेना ने कहा- 35 आतंकवादी मारे गए
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि 10 से 13 सितंबर के बीच 2 अलग-अलग अभियानों में उसने TTP के 35 लड़ाकों को मार गिराया है। बाजौर में मुठभेड़ में 22 आतंकवादी मारे गए, जबकि दक्षिणी वजीरिस्तान में एक अन्य मुठभेड़ में 12 सैनिक और 13 आतंकवादी मारे गए। TTP ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए हमले की जिम्मेदारी भी ली है। यह हालिया समय में हुए सबसे बड़े हमलों में से एक है।
बयान
सेना ने कहा- आतंकी अफगानिस्तानी जमीन का कर रहे इस्तेमाल
सेना ने कहा कि उसके 12 सैनिकों ने दक्षिणी वजीरिस्तान में बहादुरी से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया और शहादत को गले लगाया। सेना ने कहा कि आतंकवादी पाकिस्तान में हमले करने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल कर रहे हैं। सेना ने तालिबान सरकार से आग्रह किया कि वह अपनी जिम्मेदारियों को निभाए और पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल न होने दे।
हमले
हाल के समय में बढ़े हैं TTP के हमले
2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियां तेज हुई हैं। AFP के मुताबिक, इस साल अब तक खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में सशस्त्र समूहों के हमलों में 460 लोग मारे गए हैं। इनमें ज्यादातर सुरक्षा बलों के जवान हैं। इस्लामाबाद स्थित सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के मुताबिक, पिछले साल पाकिस्तान ने लगभग 10 वर्षों में सबसे घातक दौर का अनुभव किया है, जिसमें 1,600 से ज्यादा मौतें हुई हैं।
ttp
न्यूजबाइट्स प्लस
कई आतंकी संगठनों ने मिलकर 2007 में TTP की स्थापना की थी। TTP को अल कायदा का करीबी माना जाता है और यह पाकिस्तान में कई घातक हमले कर चुका है। 2008 में इस्लामाबाद के मेरियट होटल और 2009 में पाकिस्तानी सेना मुख्यालय पर TTP ने हमला किया था। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद पाकिस्तान सरकार के साथ TTP का संघर्ष विराम समाप्त हो गया, जिसके बाद TTP के पाकिस्तान में आतंकी हमले बढ़ गए।