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नागालैंड के इस शहर की दुकानों पर नहीं बैठते दुकानदार, फिर भी कोई नहीं करता चोरी
फुत्सेरो की दुकानों पर नहीं बैठते हैं कोई दुकानदार

नागालैंड के इस शहर की दुकानों पर नहीं बैठते दुकानदार, फिर भी कोई नहीं करता चोरी

लेखन सयाली
Oct 27, 2025
08:37 am

क्या है खबर?

नागालैंड की हसीन वादियों के बीच एक खूबसूरत शहर बसा है, जिसका नाम फुत्सेरो है। यहां के मनमोहक नजारे और प्राकृतिक सुंदरता देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। इस शहर में आपको कुछ ऐसा देखने को मिलेगा, जो भारत में कम ही देखने को मिलता है। जी हां, यहां की दुकानों में सामान तो भरा रहता है, लेकिन उसे बेचने के लिए कोई दुकानदार नहीं बैठता। इसके बावजूद भी कोई चोरी नहीं करता और सभी दुकानें भरोसे पर चलती हैं।

मामला

इस तरह चलती हैं ये दुकानें

इस शहर की दुकानों पर सामान रखा रहता है और उनके दाम लिखे रहते हैं। लोग अपनी जरूरत का सामान चुनकर ईमानदारी से उनके पैसे भरते हैं और उसे लेकर चले जाते हैं। कोई भी ऐसा कोई सामान नहीं उठाता, जिसके उसने पैसे न दिए हों। इतना ही नहीं, दुकानों पर रखे हुए पैसों को भी कोई चोरी नहीं करता। यहां के दुकानदारों का ग्राहकों पर विश्वास और ग्राहकों की ईमानदारी पूरे देश के लिए एक मिसाल बन रही है।

किसान

महिला किसान चलाती हैं ज्यादातर दुकानें

फुत्सेरो में ऐसी करीब 20 दुकानें हैं, जिन्हें महिला किसान चलाती हैं। इनमें मौसमी फल, सब्जियां, अचार, जैम और जूस बेचे जाते हैं। ये सभी खाद्य पदार्थ स्थानीय खेतों से प्राप्त उपज से बने होते हैं। किसान सुबह से लेकर शाम तक दुकानें खुली रखते हैं और खेतों से घर लौटते समय पैसे उठा लेते हैं। इन दुकानों पर कोई CCTV कैमरा नहीं रहता है और कोई सुरक्षा गार्ड भी नहीं खड़े रहते हैं।

खरीदार

15 सालों से चल रही हैं ये दुकानें

इस शहर के नागरिक समाज कार्यकर्ता अंगा वेखोटालु ने बताया कि ये दुकानें करीब 15 साल पहले खुली थीं। उन्होंने कहा, "इन दुकानों पर मुख्य खरीदार नागा और गैर-नागा लोग हैं। शहर के आस-पास के खेती न करने वाले लोग भी इन दुकानों से ही खरीदारी करते हैं। लोग पैसे या तो दुकान पर रखे हुए बक्सों में डाल जाते हैं या UPI की मदद से ऑनलाइन पेमेंट कर देते हैं।

दुकानदार

जब कोई नहीं देख रहा होता तब भगवान देख रहे होते हैं- किसान 

जुल्हिजु मेरो इस शहर की नागरिक हैं, जो ऐसी ही एक दुकान की मालकिन हैं। वह ताजा और प्राकृतिक गोभी, आलू, सरसों के पत्ते, अचार, जैम और जूस बेचती हैं। उनके जैसी कई महिला किसान इन दुकानों के जरिए प्रतिदिन लगभग 2,000 रुपये कमा लेती हैं। मेरो बताती हैं कि कभी-कभी लोग बिना पैसे दिए भी सामान ले जाते हैं। हालांकि, उनका मानना है कि जब वह नहीं देखतीं तब भी भगवान ऐसे लोगों को देख रहे होते हैं।

ग्राहक

एक दूसरे का विश्वास नहीं तोड़ते फुत्सेरो निवासी

नागालैंड के अलावा अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटक इन दुकानों को देखकर दंग रह जाते हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों के लिए यह आम बात है। यहां के लोगों की ईमानदारी ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। स्थानीय लोग कहते हैं, "हम यहां एक सरल नियम से जीते हैं- विश्वास दो और विश्वास पाओ।" यही कारण है कि लोग दुकानदारों के साथ धोखा नहीं करते और चोरी की वारदातें नहीं होती हैं।