व्यक्ति ने कुत्तों के जरिए मानसिक रोगियों की मदद करने के लिए छोड़ी लाखों की नौकरी
क्या है खबर?
लोग जीवन को बेहतर बनाने के लिए अच्छी नौकरी की तलाश करते हैं। हालांकि, कुछ लोगों का लक्ष्य केवल पैसा कमाना नहीं होता और वे समाज सेवा करने के लिए बने होते हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति कि कहानी सोशल मीडिया पर लाखों दिल जीत रही है, जिनका नाम वू की है। उन्होंने अवसादग्रस्त और ऑटिस्टिक लोगों की मदद करने के लिए लाखों के वेतन वाली नौकरी छोड़ दी। वह ऐसे लोगों को 'डॉग थेरेपी' प्रदान करते हैं।
मामला
वू ने क्यों छोड़ी थी नौकरी?
वू चीन के रहने वाले हैं और 44 साल के हैं। वह एक गेमिंग कंपनी में काम करते थे, लेकिन 2006 में नौकरी छोड़ दी थी। उन्हें लोग 'चीन के थेरेपी कुत्तों के जनक' नाम से पुकारते हैं। वह हमेशा से कुत्तों को पसंद करते थे और उनसे जुड़ा काम करना चाहते थे। इसके चलते ही उन्होंने वैज्ञानिक पशु-सहायता प्राप्त सार्वजनिक कल्याण कार्यक्रम शुरू किया। वह कुत्तों की मदद से मानसिक स्वास्थ्य रोगियों को ठीक करने की कोशिश करते हैं।
अतीत
2 सालों तक चलाया एक पेट पार्क
वू ने चीन के जाने माने नानजिंग विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी। इसके बाद ही उनकी नौकरी लग गई, जिसके जरिए वह अच्छी कमाई कर रहे थे। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने 2 साल तक एक पेट पार्क चलाया और उसके बाद एक पेट शॉप खोल ली। हालांकि, उस वक्त उनके पिता उनके निर्णय से नाखुश थे। उनके लगातार विरोध करने के बाद भी वू ने अपना रास्ता नहीं बदला।
प्रेरणा
पालतू कुत्तों ने किया वू को प्रेरित
बचपन में वू ऑटिस्म से जूझते थे। 9 साल की उम्र में जब उन्होंने कचरे के डिब्बे में मिले एक कुत्ते को पाला तब उन्हें बात-चीत करने में आसानी होने लगी। इसके बाद उन्होंने एक हस्की भी पाला। एक बार हस्की ने सोफा फाड़ दिया था, जिसके बाद वू उसे कुत्ता प्रशिक्षण केंद्र छोड़ आए थे। वहां से लौटने के बाद वह समझदार हो गया। इससे वू की जिज्ञासा बढ़ी और उन्होंने वैज्ञानिक पालतू प्रशिक्षण विधियों के बारे में पढ़ा।
संस्था
वू 5,000 से ज्यादा कुत्तों को कर चुके हैं प्रशिक्षित
वू की संस्था का नाम 'पॉ फॉर हील' है, जिसमें उन्होंने 5,000 से ज्यादा कुत्तों को प्रशिक्षित किया है। उनमें से 400 ने पेशेवर थेरेपी कुत्तों की परीक्षा भी पास की है। उनका संगठन ऑटिज्म और अवसाद से ग्रस्त बच्चों, किशोर अपराधियों, मनोभ्रंश से ग्रस्त वृद्ध लोगों और जीवन के अंतिम चरण में देखभाल इकाइयों में भर्ती मरीजों की मदद करता है। यह संगठन आम लोगों को भी डॉग थेरेपी देता है, जो काम के चलते परेशान रहते हैं।
जानकारी
इस संस्था ने की है लाखों लोगों की मदद
वू की संस्था में काम करने वाले कुत्तों ने अब तक 150,000 लोगों की मदद की है। सभी कुत्ते दिन में केवल 4 घंटे काम करते हैं। वू का कहना है कि उनका लक्ष्य संगठन की आय से निःशुल्क सेवा कार्यक्रमों को जारी रखना है।