
युवा महिलाओं से ज्यादा जवान दिखती हैं 93 साल की यह महिला, बताया खूबसूरती का राज
क्या है खबर?
हर महिला का सपना होता है कि उसकी भी त्वचा दक्षिण कोरिया की महिलाओं जैसी चमकदार हो। यहां की जवान महिलाओं के साथ-साथ बुजुर्गों की भी त्वचा शीशे जैसी चमकती है।
अब इस देश की एक बुजुर्ग महिला की कहानी वायरल हो रही है, जिनकी त्वचा 93 साल की आयु में भी 20 साल जैसी लगती है।
जिस उम्र में महिलाओं की त्वचा झुर्रियों से भर जाती है, उस उम्र में उनकी त्वचा युवाओं से ज्यादा स्वस्थ बनी हुई है।
महिला
93 की उम्र में भी ली हैं बेहद ऊर्जावान और सक्रीय
हाल ही में ग्योंगगी के सेओंगनाम शहर में स्थित गाचोन विश्वविद्यालय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
वीडियो में विश्वविद्यालय की अध्यक्ष ली गिल-या नजर आईं थीं, जिन्हें देखकर लोग दंग रह गए। उनकी सुंदरता ने कई लोगों को अपना मुरीद बना दिया और उनकी बुद्धिमत्ता ने भी लोगों का दिल जीत लिया।
ली का जन्म 1932 में हुआ था, लेकिन आज भी वह ऊर्जावान, स्वस्थ और जवान बनी हुई हैं।
ली
न केवल सुंदरता, बल्कि बुद्धि से भी जीत लेती हैं दिल
ली वीडियो में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विषय में बात करती नजर आती हैं, जिससे साफ हो जाता है कि वह न केवल सुंदर, बल्कि बुद्धिमान भी हैं।
ली अक्सर अपनी युवा दिखने वाली छवि के लिए सुर्खियों में बनी रहती हैं। 2023 में भी उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह अपने छात्रों के साथ डांस करती दिखाई दे रही थीं।
ली ने एक इंटरव्यू के दौरान अपनी बेदाग त्वचा का राज भी बताया था।
राज
ली कैसे रखती हैं अपनी त्वचा का ख्याल?
ली कहती हैं कि वह बुजुर्ग होते हुए त्वचा को जवान बनाए रखने के लिए बहुत साधारण चीजें करती हैं। वह एक सख्त दिनचर्या का पालन करती हैं और अस्वास्थ्यकर चीजों से दूरी बनाए रखती हैं।
ली शराब और सिगरेट को हाथ नहीं लगाती हैं और कॉफी की जगह चाय का सेवन करती हैं। वह त्वचा और शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए दिनभर में डेढ़ लीटर पानी पीती हैं।
उनके कमरे में 24 घंटे एक ह्युमिडिफायर चलता रहता है।
डॉक्टर
ली लेजर ट्रीटमेंट का भी लेती हैं सहारा
स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के साथ-साथ ली त्वचा की देखभाल को भी खास महत्व देती हैं। वह त्वचा विशेषज्ञों से सलाह लेकर समय-समय पर लेजर ट्रीटमेंट करवाती रहती हैं, जिससे झुर्रियां दूर हो जाती हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि ली दक्षिण कोरिया की पहली महिला डॉक्टर में से एक हैं। उन्होंने बचपन में कई लोगों को सही इलाज न मिलने के कारण मरते हुए देखा था।
इससे ही उन्हें डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिली थी।
जीवन
डॉक्टर बनकर चुना समाज सेवा का रास्ता
ली ने सियोल राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में अमेरिका और जापान में अध्ययन किया।
1958 में उन्होंने एक स्त्री रोग क्लिनिक खोला और उन रोगियों की सहायता के लिए नो-डिपॉजिट नीति शुरू की, जो इलाज का खर्च नहीं उठा सकते थे।
उन्होंने 1978 में गिल हॉस्पिटल की स्थापना की और 65 वर्ष की आयु में गचोन मेडिकल स्कूल खोला। यहां निशुल्क शिक्षण और आवास की सुविधा दी जाती है।