गजब मध्य प्रदेश: शौचालय में खड़े दूल्हे की सेल्फी भेजो, तभी मिलेंगे सरकार से 51,000 रुपये
आजकल शादी से पहले प्री वेडिंग शूट का चलन बढ़ रहा है। जिसमें दूल्हा-दुल्हन किसी अच्छी जगह पर जाकर वीडियो-फोटो शूट करवाते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में आजकल दूल्हे शादी से पहले अपने शौचालय में बैठकर फोटो खींच रहे हैं। दरअसल, यहां की सरकार जरूरतमंद लड़कियों को शादी के लिए 51,000 रुपये दे रही है और ये पैसा उन्हें तभी मिलता है जब उनका होने वाला दूल्हा अपने घर के शैचालय में अपनी सेल्फी क्लिक करके सरकार को भेजता है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह स्कीम के तहत सरकार देगी पैसे
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार का यह क़दम एक सामाजिक पहल है, जिसमें आर्थिक रूप से कमज़ोर लड़कियों को सरकारी मदद दी जाएगी। हालाँकि, यह मदद केवल उन्ही लड़कियों को दी जाएगी, जिनके होने वाले पति के घर में शौचालय होगा। सरकार, मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह स्कीम के तहत इस पहल को अंजाम दे रही है। होने वाले दूल्हे की शौचालय में सेल्फी एक सबूत होगा, जिसके बाद लड़की इस राशि के लिए आवेदन कर सकती है।
लड़की के हामी भरने के बाद ही आएगी राशि
शौचालय में सेल्फी खींचने के बाद लड़की के होने वाले दूल्हे को उसे #selfi-standing-in-toilet के साथ सरकार को भेजना होगा। उसके बाद लड़की हामी भरेगी, तभी राशि लड़की को मिलेगी। मध्य प्रदेश सरकार की इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में हर घर में शौचालय का निर्माण किया जाए, जिससे स्वच्छ भारत का सपना जल्द से जल्द पूरा हो सके। यही वजह है कि शौचालय में खड़े होकर सेल्फी खींचने को अनिवार्य कर दिया गया है।
सेल्फी नहीं, तो शादी नहीं
ANI से बात करते हुए ज़ारा हसन वेलफ़ेयर समिति चलाने वाले मुख़्तार हसन ने कहा, "हम इस योजना के तहत आवेदकों के फ़ॉर्म नगर निगम को सौंपते हैं। इसके लिए दो शपथ पत्रों और उनके निवास के शौचालय के अंदर दूल्हे की एक सेल्फ़ी की आवश्यकता होती है।" उन्होंने आगे बताया, "अगर सेल्फी प्रस्तुत नहीं की जाती है, तो फ़ॉर्म को अस्वीकार कर दिया जाता है और जोड़ों को शादी के बंधन में बँधने की अनुमति नहीं होती है।"
गुरुवार को भोपाल में सामूहिक समारोह में हुआ 77 जोड़ों का विवाह
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुरुवार को भोपाल की सेंट्रल लाइब्रेरी ग्राउंड में एक सामूहिक समारोह में लगभग 77 जोड़ों का विवाह हुआ। सामूहिक विवाह में शामिल दूल्हे में से एक मुहम्मद यूसुफ़ ने कहा, "मैंने फ़ॉर्म जमा किया था और शौचालय के अंदर की एक सेल्फी जमा करने के लिए कहा गया था। जब मैंने आपत्ति जताई तो उन्होंने कहा कि यदि हम सेल्फी जमा नहीं करते हैं, तो हमारे फ़ॉर्म को मंज़ूरी नहीं दी जाएगी।"
सेल्फी लेने की बजाय अधिकारियों को करना चाहिए घर का दौरा
एक अन्य दूल्हे मोहम्मद सद्दाम ने कहा, "सेल्फी लेने की बजाय सरकारी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए लोगों के घरों का दौरा करना चाहिए कि क्या सच में शौचालय का निर्माण किया गया है।" उन्होंने आगे कहा, "हमें सेल्फी क्यों देनी है? हम आसानी से किसी भी शौचालय में एक सेल्फी ले सकते हैं। इसलिए, एक सरकारी अधिकारी को आना चाहिए और देखना चाहिए कि घर में शौचालय है या नहीं।"
यह है एक अच्छा फैसला- दुल्हन
सोफिया, जो समुदाय की शादी में एक दुल्हन थी, ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया और कहा, "यह सुनिश्चित करना गलत नहीं है कि घर में शौचालय है या नहीं। मुझे लगता है कि यह एक अच्छा फैसला है।"
योजना के तहत कई जोड़ों को नहीं मिले हैं पैसे
इस बीच कई स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया की कई जोड़ों को इस साल फ़रवरी से योजना के तहत एक भी पैसा नहीं मिला है। इस मामले में मुख़्तार हसन ने कहा, "फ़रवरी तक निश्चित समय पर जोड़े को पैसे मिलते थे। हालाँकि, तब से अकेले भोपाल शहर में लगभग 600-700 जोड़ों को इस योजना के तहत एक भी पैसा नहीं मिला है।" बता दें कि पैसे केवल आर्थिक रूप से कमज़ोर लड़कियों को ही दिए जाते हैं।