बेंगलुरू: आज नहीं दिखेगी किसी भी चीज की परछाई, जानिए इसके पीछे का कारण
क्या है खबर?
बेंगलुरू में आज यानी 25 अप्रैल को एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटने वाली है। इस दौरान कुछ समय के लिए शहर में किसी भी चीज की परछाई नहीं होगी।
इस घटना को 'जीरो शैडो डे' के नाम से जाना जाता है। यह घटना दोपहर 12:17 मिनट पर होगी।
इस अवसर पर बेंगलुरू के कोरमंगला में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) अपने परिसर में कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
आइए जानते हैं कि इस घटना के पीछे का कारण क्या है।
घटना
जीरो शैडो डे क्या है?
एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) के अनुसार, सूर्य दोपहर के समय किसी भी वस्तु की परछाई नहीं बनाएगा। इस समय यह ठीक ऊपर (चरम स्थिति) होगा और इसके चलते यह घटना होगी।
ASI ने आगे कहा कि जीरो शैडो डे साल में दो बार ट्रॉपिक्स (कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच) की जगह पर पड़ता है। इन जगहों पर रहने वाले लोगों के लिए सूर्य का झुकाव उत्तरायण और दक्षिणायन दोनों के दौरान उनके अक्षांश के बराबर होता है।
ट्विटर पोस्ट
ASI का जीरो शैडो डे से जुड़ा ट्वीट
Tomorrow 25/04/2023 we are going to observe the Zero Shadow Day. Sun will be directly overhead in Bangalore at Noon. If we have Vertical reference such as a pole, at 12:17pm Sun will be overhead and as a result there will be no shadow of the reference pole. pic.twitter.com/bqOGCSWdjO
— ASSOCIATION OF BANGALORE AMATEUR ASTRONOMERS(ABAA) (@abaaonline) April 24, 2023
कारण
ऐसा क्यों होता है?
ASI ने बताया, "पृथ्वी का धुरी सूर्य के चारों ओर अपनी परिक्रमा के तल पर 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है, जिसके कारण अलग-अलग मौसम होते हैं। इसका अर्थ है कि सूर्य दिन के अपने उच्चतम बिंदु पर खगोलीय भूमध्य रेखा के 23.5 डिग्री दक्षिण से भूमध्य रेखा (उत्तरायण) के 23.5 डिग्री उत्तर की ओर जाएगा और एक वर्ष में फिर से (दक्षिणायन) वापस आ जाएगा। इस तरह से यह घटना साल में 2 बार होती है।"
समय
जीरो शैडो डे की अवधि कितनी होती है?
यह अनोखी खगोलीय घटना कुछ सेकंड के लिए ही होगी, लेकिन इसका प्रभाव करीब 1-2 मिनट तक रहने की संभावना है।
अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि ASI के वैज्ञानिक आज एक स्कूल के सहयोग से पृथ्वी का व्यास मापेंगे।
इससे पहले ओडिशा के भुवनेश्वर में 2021 में जीरो शैडो डे महसूस किया जा चुका है। यह घटना अक्सर दुनियाभर के लोगों द्वारा देखी और मनाई जाती है।
अगली घटना
अगली बार अगस्त में होगी यह घटना
बेंगलुरु में यह घटना 25 अप्रैल और 18 अगस्त को होती है।
इस समय सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर स्थित होता है। भूमध्य रेखा के करीब के स्थान 20 मार्च (वसंत विषुव) और 22 सितंबर (शरद ऋतु विषुव) के आसपास इस घटना के गवाह बनेंगे, वहीं दूर के स्थानों में जीरो शैडो डे में देरी होगी।
इसको लेकर बेंगलुरू के लोगों में अच्छा-खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।