पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के लिए अफगानिस्तान के बल्लेबाजी कोच बने अविष्का गुणवर्धने
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने श्रीलंका के पूर्व खिलाड़ी अविष्का गुणवर्धने को अपना बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया है। ACB ने बीते मंगलवार (17 अगस्त) को अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी है। अगले महीने अफगानिस्तान को पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज खेलनी है, जिसमें वह बल्लेबाजी कोच होंगे। हालांकि, उनके कार्यकाल को बाद में बढ़ाया जा सकता है। आइए एक नजर डालते हैं पूरी खबर पर।
ऐसा रहा है गुणवर्धने का अंतरराष्ट्रीय करियर
ACB ने ट्वीट करके कहा, 'पूर्व बल्लेबाज और कोच अविष्का गुणवर्धने को अफगानिस्तान की राष्ट्रीय टीम का बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया गया है।' लगभग एक दशक के अंतरराष्ट्रीय करियर में गुणवर्धने ने छह टेस्ट और 61 वनडे मैचों में श्रीलंका का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में कुल 181 रन बनाए जबकि वनडे में 1,708 रन बनाए हैं। उन्होंने वनडे में एक शतक और 12 अर्धशतक भी लगाए थे।
इस साल मई में भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी हुए गुणवर्धने
गुणवर्धने पर पिछले साल भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, लेकिन इस साल मई में ICC ने उन्हें इन सभी आरोपों से बरी कर दिया था। ICC के फैसले से गुणवर्धने को बड़ी राहत मिली थी, जिसके बाद उनके क्रिकेट में वापसी का रास्ता साफ हुआ था। 44 वर्षीय गुणवर्धने श्रीलंका-A टीम के मुख्य कोच, राष्ट्रीय टीम के बल्लेबाजी कोच और श्रीलंका अंडर-19 टीम के साथ भी कोच की भूमिका निभा चुके हैं।
पिछले हफ्ते टैट बने थे गेंदबाजी कोच
वहीं पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज शॉन टैट को अफगानिस्तान का गेंदबाजी कोच बनाया गया था। उन्हें ये जिम्मेदारी तत्काल प्रभाव से दी गई थी। अफगानिस्तान अगले महीने पाकिस्तान के खिलाफ तीन वनडे मैच खेलेगा, जो वनडे सुपर लीग का हिस्सा होंगे। इस वनडे सीरीज से गुणवर्धने और टैट के कार्यकाल की शुरुआत होगी। उसके बाद अफगानिस्तान टी-20 विश्व कप में अपनी चुनौती पेश करेगा।
क्रिकेट को पसंद और सपोर्ट करता है तालिबान- ACB
बीते कुछ दिनों में अफगानिस्तान में एक बड़ा बदलाव आया है। तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया है और अब सरकार बनाने की कोशिश में लगा है। देश में आए इस बदलाव से अफरा-तफरी का माहौल बन चुका है। लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। इस बदलाव से अफगानिस्तान का क्रिकेट भी प्रभावित हो सकता है। हालांकि, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) का मानना है कि तालिबान से उनके क्रिकेट पर असर नहीं पड़ेगा।